डॉ. प्रेमलता चसवाल 'प्रेमपुष्प'

डॉ.  प्रेमलता चसवाल

डॉ. प्रेमलता चसवाल 'प्रेमपुष्प'

शिक्षा : एम.ए. (हिंदी ) पीएच.डी. 'मुक्तिबोध काव्य में जनवादी चेतना' (हिंदी), बी.एड, एम.एड.          
प्रकाशित कृतियाँ :

  • 'दर्पण'(खंड काव्य),

  • आवाज़ें मेरे अंदर (काव्य संग्रह)

  • 'ममता'(कहानी संग्रह)

  • 'मुक्तिबोध-काव्य: जनवादी चेतना के संदर्भ में' (समीक्षात्मक शोधग्रंथ),

  • अनुवादित पुस्तक 'कल्याणी-1' मूल-लेखक (उर्दू) श्री खजान चंद हरनाल (लोक-कथाएँ),

  • 'हिंदी-शिक्षण' (बी.एड. के पाठयक्रम ),

  • कण-कण फैलता आकाश मेरा (काव्य-संग्रह, प्रकाशनाधीन)

लेखन : कविता, कहानी, लघु-कथा, बाल-साहित्य, नाटिका, लेख, लिप्यांतरण इत्यादि। 
प्रकाशन : प्रथम रचना क्षणिका 'आश्चर्य' 1982 के प्रकाशन से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ, कहानियाँ, लघु-कथाएँ, लेख आदि निरंतर प्रकाशित; 
लिप्यांतरण: मूल-लेखक श्री खजान चंद हरनाल की लोक-कथाएँ (उर्दू) का पुस्तक रूप (कल्याणी-1) हिंदी में लिप्यान्तरण, तथा जाने माने ग़ज़लकार प्रो.आबिद आलमी की पुस्तक नए ज़ाविये (उर्दू) की ग़ज़लों का हिंदी लिप्यान्तरण उनके ग़ज़ल संग्रह 'अलफ़ाज़' में संकलित। 
सम्पादन : कॉलेज मैग्ज़ीन "ऑब्ज़र्वर" (Observer) हिंदी प्रभाग की सह-सम्पादिका(1997), बेजोड़ रत्न, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, से अल्प-कालीन हिंदी पत्रिका में सह-सम्पादन (1998-99 ), 
त्रैमासिक ई-पत्रिका 'अनहद कृति' का 2013 से सह-सम्पादन एवं नियमित संचालन।            
प्रसारण : समय- समय पर ऑल इण्डिया रेडियो, शिवपुरी-मध्यप्रदेश, ऑल इण्डिया रेडियो, ग्वालियर, व ऑल इण्डिया रेडियो, कुरुक्षेत्र-हरियाणा, से कविताएँ, कहानियाँ लेख आदि प्रसारित   
सम्प्रति : महर्षि मारकंडेश्वर शिक्षण महाविद्यालय में हिंदी प्राध्यापिका एवं बी. एड इन्चार्ज के पद से सेवानिवृति के बाद वर्ष 2013 से 'अनहद-कृति ई-त्रैमासिकी में सह-सम्पादन; पी.पी.प्रकाशन (अम्बाला शहर) की सह-संस्थापक।
सम्मानित लेखिका : 

  • पंजाब यूनिवर्सिटी से 1995 में पी.एच.डी.(हिन्दी) की उपाधि; 

  • प्रथम पुस्तक 'दर्पण' का हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह द्वारा स्वतन्त्रता-दिवस (1986) पर देहरा (हिमाचल प्रदेश) में लोकार्पण; 

  • प्रख्यात साहित्यकार डॉ.मुल्खराज आनंद जी के सम्मान में धर्मशाला-हिमाचलप्रदेश में आयोजित गोष्ठी में  कविता "मैं सीता सती हूँ" कविता-पाठ की आनंद जी द्वारा मुक्त-कंठ से प्रशंसा तथा 

  • नवीन पत्रकारिता के स्तम्भ श्री प्रभाष जोशी (तत्कालीन सम्पादक) द्वारा जनसत्ता समाचारपत्र में "मैं सीता सती हूँ" प्रकाशित एवं प्रशंसित। 

  • सोहनलाल शिक्षण महाविद्यालय,अम्बाला शहर, हरियाणा में "मुक्तिबोध-काव्य में जनवादी चेतना" की शोधकर्त्री लेखिका डॉ प्रेमलता 'प्रेमपुष्प' पर आयोजित संगोष्ठी(2001) में सम्मानित; 

  • 'आवाज़ें मेरे अंदर' (2014) काव्य-संग्रह का लोकार्पण मूर्धन्य साहित्यकार डॉ रमेश कुंतल 'मेघ', प्रख्यात समालोचक डॉ. मैथिलीप्रसाद भारद्वाज एवं नाट्य-कहानी समालोचक डॉ. वीरेन्द्र मेंहदीरत्ता द्वारा प्रेस-क्लब, चंडीगढ़ में प्रशंसित। 

  • खंड-काव्य 'दर्पण' का प्राक्कथन सुप्रसिद्ध समालोचक डॉ.नन्द लाल मेहता, डी. लिट., द्वारा वर्ष 1986 में व हाल में ही प्रकाशनाधीन काव्य-संग्रह 'कण-कण फैलता आकाश मेरा' का प्राक्कथन भी उन्हीं के द्वारा लिखे जाने का सम्मान। 

सम्मानित शिक्षाविद :

  • वर्ष 2005 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन-मैडिसन, अमेरिका में आयोजित 34वीं वार्षिक "कांफ्रेंस ऑन साउथ-एशिया" में  इवेंट "पोएटिक्स एंड पॉलिटिक्स" में पैनल-चेयर के रूप में सम्मानित।  

  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन, अमेरिका में, इंजीनियरिंग लर्निंग सेण्टर में 2006 में "एजुकेशन इन इंडिया" में "कल्चरल कनेक्शन्स: ग्लोबल पर्स्पेकटीव्ज़" संगोष्ठी में भाषण व सम्मानित; 

  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन, अमेरिका, 2005 में "कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजीज़ वाईल ट्रांस्मिटिंग नॉलज बाय लैंग्वेज" सेमिनार शिक्षण-कला पर विशेष प्रस्तुति हेतु इंजनियरिंग-लर्निंग सेंटर में आमंत्रित। 

  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिनसिनाटी, अमेरिका, 2008 में शिक्षण-पद्धति पर नव-वर्तन में इंजनियरिंग-लर्निंग सेंटर में प्रस्तुति।