वीरों का काम

15-02-2020

वीरों का काम

लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (अंक: 150, फरवरी द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

असंभव  को हल  कर देना,
सच में होता वीरों का काम।
आँधी तूफ़ान जो लड़ जाते,
इतिहास में दर्ज होता नाम॥


जो डर कर कहीं छुप जाते,
वो जन कायर  कहलाते हैं।
सपनों का  उड़ान न देखते,
बस! करते रहते हैं आराम॥


आराम तलब गाँधी जी होते,
आज़ादी हमें न मिली होती।
परतंत्रता की बेड़ी में जकड़े,
भारतवर्ष होता अभी गुलाम॥


वीर सुभाष, भगत, आज़ाद,
स्वतंत्रता के लिए त्याग किए।
निज स्वार्थ न देख क़ुर्बानी दे,
देश को दे दिए नए आयाम॥


हिम्मत व सच की राह चलें,
टल जाती हैं विविध बाधाएं।
स्वर्णिम सफलता है मिलती,
नई दिशा दशा को दें अंजाम॥

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