सुबह उठ अब पढ़ना है
डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'मौसम है यह पढ़ने का।
जीवन में आगे बढ़ने का॥
सुबह -सुबह उठ जाना है।
लगन लगाकर पढ़ना है॥
समय पर स्कूल जाना है।
ज्ञान खूब हमें पाना है॥
जो न पढ़ता झटपट उठकर।
पीछे उसको रोना है॥
समझ रहे हो प्यारे बच्चो।
सुबह उठ अब पढ़ना है॥