प्यार किया है मैंने
अवनीश कुमार गुप्ताप्यार किया है मैंने
सिर्फ़ तुमसे नहीं
तुम्हारे विचारों से भी
तुम्हारी श्रद्धा से, भावों से भी
तुम्हारे रीति-रिवाजों से
तुम्हारे घर के संस्कारों से
तुम्हारे नयन के कोरों से छलकते पानी से
तुम्हारे घर-मोहल्ले की भोली कहानी से
तुम्हारी बेवजह की परेशानियों से
तुम्हारी मासूम सी नादानियों से
मेरी मुश्किलें सुलझाते जवाबों से
मेरी परेशानी बढ़ाते सवालों से
तुम्हारी मन्दिर की आराधना से
तुम्हारी प्रेम की साधना से
और इन सब में आकंठ डूबी हुई
मैंने तुमसे प्यार किया है