क्यों आज हवा हर साँस लगती है अपनी हर फूल ख़ुद का चेहरा-सा लगता है मन उड़ रहा है कुछ यूँ ख़ुश हो के जैसे इच्छाओं ने पर लगा लिए हैं और रूह आज़ाद हो के तितली हो गई है