प्यार (रंजना भाटिया)
रंजना भाटियाक्यों आज हवा
हर साँस लगती है अपनी
हर फूल ख़ुद का
चेहरा-सा लगता है
मन उड़ रहा है
कुछ यूँ ख़ुश हो के
जैसे इच्छाओं ने
पर लगा लिए हैं
और रूह आज़ाद हो के
तितली हो गई है
क्यों आज हवा
हर साँस लगती है अपनी
हर फूल ख़ुद का
चेहरा-सा लगता है
मन उड़ रहा है
कुछ यूँ ख़ुश हो के
जैसे इच्छाओं ने
पर लगा लिए हैं
और रूह आज़ाद हो के
तितली हो गई है