परिभाषाएँ 

01-07-2020

परिभाषाएँ 

अमिषा अनेजा (अंक: 159, जुलाई प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

वक़्त 
वो ठग है 
जो छलता जाता है 
और चलता जाता है 


दर्द 
वो कड़वी गोली है 
जो ऊपरवाले  ने
सबके पैमाने में घोली है। 


दोस्ती 
वो दुआ है जो क़ुबूल हुई है 
जिसकी वज़ह से 
ज़िंदगी मक़्बूल हुई है। 


पानी 
वो आब-ए हयात है 
जो मर गया है दरिया में 
और लोगों की आँखों में भी। 


रिश्ता 
वो होता है 
जो ख़ून से ख़ून को जोड़ता है 
और ख़ून-ओ-ख़ून कर छोड़ता है। 


तक़दीर 
जो हथेलियों में लकीर है 
पर कभी हाथ की पकड़ में ना आए 
ऐसी जानलेवा शमशीर है। 


मोहब्बत
जो हर इंसान 
सबसे ज़्यादा ख़ुद से करता है 
और दूसरों पर लुटाने का दम भरता है। 


ख़ुदा
जिसकी शान में हर बंदा सजदा करता है, 
और जिसके नाम पर 
अपनी हैवानियत को बेपरदा करता है।

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