एक प्रश्न ज़िन्दगी का, अतीत से आ गया फिर मेरी मेज़ पर, उसके जवाब ढूँढ़ने में मैं कल भी उलझ जाती थी, मैं आज फिर उलझ गई। क्यों कुछ सवाल इतने जटिल होते हैं कि उन्हें अनुत्तरित ही छोड़ना पड़ता है।