मेरा वजूद

17-06-2007

मेरा वजूद

रंजना भाटिया

तेरे अस्तित्व से लिपटा
यूँ घुट सा रहा है
कि एक दिन

तुझे ..
मैं तन्हा
छोड़ जाऊँगी!!

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