मौसम
राहत कैरानवीबदलता रहता है मौसम
हिंदुस्तान में इन दिनों -
मर्सियों का मौसम है!
जी हाँ, लिखे जा रहे हैं मर्सिये!
ज़मीन पर भी, आसमान पर भी
चारों ओर फैला है पानी ही पानी
आसमान का पानी ज़मीन पर
लेकिन ज़मीन का पानी पिया जा रहा है
जो दिखाएगा अपना रंग एक दिन
सूखकर झड़ गए और
ज़मीन में गड़ गये,
लाल फूलों के साथ मिलकर
हो जाएगा एक दिन लाल
जैसे होली का गुलाल
बरसों बाद खोदा जाएगा,
इसी धरती को जब
लाल रंग के यही अवशेष
स्वर्ण अक्षरों से रचित
किसी इतिहास के पन्नों में होंगे .....
1 टिप्पणियाँ
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A mind blowing poetry. Loved it.