ठीक आधी रात में, कुत्तों के भौंकने की आवाज़, जब कानों तक आती है, तब अकारण ही, मन प्रसन्न हो उठता है, चलो कोई तो है, जो इन मृतप्राय: मानवों की, असंख्य शृंखलाओं के, मध्य भी, जीवित है।