ग़रीब वंचित का आनंद

01-08-2021

ग़रीब वंचित का आनंद

मास्टर भूताराम जाखल (अंक: 186, अगस्त प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

देखे हैं मैंने
ग़रीब वंचित लोग अमीरी वाले
जीते हैं ज़िंदगी वे ऐसे
कि अमीर सोच के रहते हैरान
 
वो हैरानगी, उनके संतोष समक्ष
हथियार डाल देती है
ख़ुशी के मालामाल तो हैं वे नहीं 
पर मालामाली में मालामाल से अमीर,
 
जिन्हें देखना हो या परखना हो
समझना हो या हो फिर पढ़ना 
उन लोगों के समझ के परे
जो मदमस्त होते हैं वो अमीरी में
 
उस ग़रीब का जो भूखा होते हुए 
भूखे को देता भोजन और पानी
साथ ही देता है वो जो दे नहीं पाते
जिसे कह सकते हो आप —
ग़रीब वंचित का आनंद।

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