फ़ना / निर्वाण
डॉ. कैलाश वाजपेयीलोग पूछते हैं कहाँ उसे पाएँ हम
धरती के किस टुकड़े को घेरकर
किस क़िस्म का कैसा गुम्बद बनाएँ हम
कि वह वहीं क़ैद हो जाए
कितनी ऊँचाई से, किस भाषा में, कितनी
जोर से दें आवाज़ हम
कि उसे सुनाई पड़ जाए
अजीब बात है
मछली को पानी में है मछली
पानी की तलाश है।