चाँद तारों का सफ़र कर लें हम
चंपालाल चौरड़िया 'अश्क' चाँद तारों का सफ़र कर लें हम
इन नज़ारों का सफ़र कर लें हम
सदा-बहार यहाँ का मौसम
इन बहारों का सफ़र कर लें हम
सूरज आग का गोला है एक
इन शरारों का सफ़र कर लें हम
बड़ा सकून यहाँ पर है ’अश्क’
ग़म-ग़ुसारों का सफ़र कर लें हम