आज का
मियां मिठ्ठू आदमी
’भलाई’
भगवान के लिए
करता है,

’बुराई’
शैतान के 
कांधे धरता है,

कितना 
एडवांस है कम्बख़्‍त,
अपने को
सेफ रखता है।

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