01-07-2021

"बारिश को बाँध कर . . . / रोशनाई की जगह . . . / भर लिया था . . . / दवात में / बस वही ख़त / तुम्हारी खिड़कियों पर / कोहरे से लिखा है मैंने . . . " — मनु