हिन्दी हैं हम, चाहे, कोई वतन हमारा…..

28 Sep, 2019
हिन्दी हैं हम, चाहे, कोई वतन हमारा…..
’हिन्दी दिवस 2019' हिन्दी राइटर्स गिल्ड के कार्यक्रम के संचालक श्री विद्याभूषण धर और श्रीमती लता पाण्डे

हिन्दी हैं हम, चाहे, कोई वतन हमारा…..

हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने 14 सितम्बर 2019 को अपनी मासिक गोष्ठी में ‘हिंदी दिवस’ का सुन्दर आयोजन किया। यह कार्यक्रम ब्रैमप्टन की स्प्रिंगडेल शाखा लाइब्रेरी में दोपहर 1:30 से 4:30 तक चला। ’हिन्दी दिवस’ के इस आयोजन में बच्चों की विशेष भूमिका रही। कार्यक्रम के केन्द्र में 18 बच्चों की ऑडियो और वीडियो प्रस्तुतियाँ थीं जिन्हें पहले ही एक निश्चित समय देकर मँगा लिया गया था। लगभग सभी बच्चे इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

इस गोष्ठी के सफल संचालन का कार्य श्री विद्याभूषण धर तथा श्रीमती लता पांडे ने किया। कार्यक्रम के आरम्भ में विद्याभूषण जी ने हिन्दी के महत्वपूर्ण इतिहास की चर्चा की और राजभाषा के रूप में हिंदी के महत्व को बताया। उन्होंने बच्चों के साथ ही उनके माता-पिताओं को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

इसके पश्चात लताजी ने प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रामेश्वर काम्बोज ’हिमांशु’ जी को आमंत्रित किया। काम्बोज जी ने कहा कि कोई भी भाषा बोली जाने पर ही पल्लवित होती है अत: माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों से घर में हिंदी में ही बात करें। उन्होंने लेखक के दायित्व को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि लेखक को भाषा की शुद्धता पर सदैव ध्यान देना चाहिए। शुद्ध भाषा पढ़ने से पाठक भी शुद्ध भाषा सीखेगा। उन्होंने कहा कि यह लोगों का दायित्व है कि वे भाषा का प्रयोग करके उसे जीवित रखें, मात्र किसी राजतंत्र के द्वारा भाषा का संरक्षण नहीं किया जा सकता। श्री काम्बोज जी ने हिंदी भाषा में प्रयोग की जानेवाली अनेक अशुद्धियों के उदाहरण देकर लोगों को शुद्ध किंतु सरल भाषा लिखने तथा बोलने के लिए प्रेरित किया।

इसके उपरान्त, विद्याभूषण जी ने कौंसिलेट से आए मुख्य अतिथि श्री प्रवीण कुमार मुंजाल को मंच पर आमंत्रित किया तथा हिन्दी राइटर्स गिल्ड के संस्थापक निदेशक श्री विजय विक्रांत तथा सुमन घई जी ने पुष्प प्रदान कर उनका स्वागत किया। मुंजाल जी ने हिंदी राइटर्स गिल्ड के कार्य की सराहना की और कहा कि विदेश में रहनेवाले भारतीयों के मन में हिंदी के प्रति उत्साह देखकर अच्छा लगता है।

इसके पश्चात आरम्भ हुआ बच्चों का कार्यक्रम! सभी बच्चों की पहले से रिकॉर्ड की गई कविताओं को पावर पॉइंट के माध्यम से स्क्रीन पर दिखाया गया। हर कवितापाठ के अंत में भाग लेनेवाले उपस्थित बच्चे सबके सामने आकर अपना परिचय दे रहे थे। भाग लेनेवाले बच्चों के नाम इस प्रकार हैं :

अनिका तिवारी, आरोही काम्बोज, आन्या गुप्ता, आशी चौबे, आर्या काम्बोज, श्रेयांसी कानूनगो, नैना कपूर, याना कपूर, साँची मेहरा, अस्मि चंद्रा, ईशान वर्मा, सम्यक् कुमार, अच्युतम कुमार, ईशान, कश्यप, वैष्णवी। अंत में, वैष्णवी ने हिंदी में एक मधुर भजन गाकर बच्चों के कार्यक्रम का समापन किया। सभी बच्चों को उपहार तथा प्रमाण पत्र देकर उनका सम्मान किया गया।

इसके पश्चात गोष्ठी का मध्यांतर स्वादिष्ट जलपान और चाय के साथ हुआ। ‘दम पुख़्त रेस्टोरेंट’, मारखम ने इस कार्यक्रम में पकोड़े और स्प्रिंग रोल भिजवा कर अपना सहयोग दिया, हिंदी राइटर्स गिल्ड उनका धन्यवाद करती है। सभी अतिथियों ने जलेबी ढोकले और हलवे का भी भरपूर आनंद लिया।

दूसरे सत्र में समय कम होने के कारण केवल कुछ अतिथियों को ही स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति के लिए बुलाया गया। सबसे पहले श्री के. एल. पांडे को आमंत्रित किया गया। वो भारत से पधारे थे। उन्होंने एक ग्रंथ की रचना की है जिसमें 1933 से अभी तक के 17000 हिंदी फ़िल्मों के गानों का रागों के आधार पर वर्गीकरण किया गया है। कार्यक्रम में उन्होंने अपने प्रकाशित काव्य संग्रह से ‘बाँसुरी’ नामक एक कविता और एक लघुकथा सुनाई।

इसके पश्चात् फ्रांस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से सम्मानित और पेरिस की यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर, डॉक्टर सरस्वती जोशी ने अपनी कविता द्वारा नारी की महिमा का उल्लेख किया। उनकी पुत्री डॉक्टर साधना जोशी ,जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो में प्रोफ़ेसर हैं, उन्होंने मोदी जी की माता के सम्बन्ध में एक कविता पढ़ी। श्री संदीप त्यागी ने अपने मधुर स्वर में मातृभाषा हिंदी का महिमा गान प्रस्तुत किया।

इनके अतिरिक्त, श्रीमती सरोजनी जौहर, प्रीति अग्रवाल तथा श्री संदीप कुमार ने भी अपनी रचनाएँ पढ़ीं। संदीपजी ने दानार्थी संस्था एकल विद्यालय के कार्यक्रमों के सम्बन्ध में बताया कि किस प्रकार एकल ज़रूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा का मार्ग सुलभ करता है। उनकी कविता मातृभाषा हिंदी से संबंधित थी ।

इस प्रकार हर्ष और उत्साह से हिन्दी राइटर्स गिल्ड का ’हिंदी दिवस’ समारोह संपन्न हुआ।

प्रस्तुति - आशा बर्मन, डॉ.  शैलजा सक्सेना