पारुल

पारुल

पारुल

[चाँद पुखराज का]

स्थान : बोकारो स्टील सिटी

बचपन से अंतर्मुखी होने के कारण मन के भावों से डायरी के पन्ने रँगने शुरू किये। उम्र के साथ साथ वो सखी-सहेली डायरी ब्लॉग में परिवर्तित हो गयी… और वे टूटे-फूटे भाव परिपक्व हो गीत-ग़ज़ल में ढलते चले गये। हर प्रकार का संगीत प्रिय है, भारतीय शास्त्रीय संगीत में स्नातकोत्तर किया फिर भी मन यही कहता है कि किसी भी डिग्री द्वारा संगीत  की आत्मा को समझ पाना नामुमकिन सी बात है। आस-पास का माहौल  "लिखने" को उद्वेलित करता है…