पल्लवी

पल्लवी

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मेरा जन्म दिल्ली में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा एवं कंप्यूटर साइंस में स्नातक दिल्ली से उत्तीर्ण करने के पश्च्यात मैंने मास्टर्स इन कंप्यूटर एप्लीकेशन किया।

आजीवका हेतु टेलीकम्यूनिकेशन की कंपनी में पिछले १० वर्षों से कार्यरत हूँ।

मेरी रुचि साहित्य में बचपन से ही रही है इसका मूल कारण रहीं मेरी माँ जो स्वयं हिंदी विषय की अध्यापिका एवं प्रिंसिपल थी तथा अपने कुशल अध्यापन के साथ साथ एक कवयित्री भी थीं। घर परिवार में साहित्य की समझ होने से स्कूल के दिनों में ही रचनाकारों, विधाओं और मंच से परिचय हो गया था। काका हाथरसी हों या बशीर बद्र साहब, हिंदी और उर्दू की अनेकानेक रचनायें हँसते खेलते पढ़ीं और सुनाईं।

परिवार के प्रोत्साहन से मैंने भी कवितायें लिखना आरम्भ किया - पहली कविता "कलम" थी जो शायद मैंने तीसरी या चौथी कक्षा में लिखी थी - जिसका मूल था कलम की आत्मकथा। तब से विभिन्न रचनायें हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषाओं में लिखती रही हूँ। अब तक अधिकतर पद्य विधा में ही लिखा है किन्तु गद्य में भी कुछ एक लेख स्कूल और कॉलेज स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। स्कूल से कॉलेज और कॉलेज से कार्यस्थल तक कविता मेरी पहचान रही है। बहुत सी स्पर्धाओं में पुरस्कार मिले फिर चाहे वह कविता सम्बंधित हों या क्रिएटिव राइटिंग, साथियों के प्रोत्साहन से आज पब्लिक फ़ोरम्स में काव्य पाठ और अपनी शायरी सुनाने के चरण में हूँ।

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