प्रो. महावीर सरन जैन

प्रो. महावीर सरन जैन

प्रो. महावीर सरन जैन

प्रोफेसर महावीर सरन जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवम् अध्यक्ष के रूप में सन् 1964 से 2001 तक हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर कार्य किया है।

प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के योजना आयोग के शिक्षा प्रभाग के आदेश क्रमांक No. M- 12015/9/95-Edn., दिनांक फरवरी 5, 1996 के द्वारा नवीं पंच वर्षीय योजना (1997 – 2002) के लिए Working Group on Language Development and Book Promotion के सदस्य के रूप में कार्य किया।

प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों की राजभाषा सलाहकार समितियों के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए मंत्रालयों में राजभाषा हिन्दी के व्यवहार के लिए अनेक सुझाव दिए तथा राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह किया। प्रोफेसर जैन ने भारत के अनेक विश्वविद्यालयों की विद्वत-परिषद, कला संकाय तथा चयन समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। भारत के 25 से अधिक विश्वविद्यालयों के पी-एच. डी. एवं डी. लिट्. उपाधियों के लिए प्रस्तुत शताधिक शोध-प्रबंधों का परीक्षण-कार्य किया तथा अनेक संस्थाओं की विभिन्न समितियों में परामर्शदाता की भूमिका का निर्वाह किया।

प्रकाशन:

  • ग्रन्थ एवं पुस्तकें:
    (1) विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत (निबन्धों का संकलन): - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1965)
    (2) अन्य भाषा शिक्षण (Second Language Teaching): - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1966)
    (3) बुलन्दशहर एवं खुर्जा तहसीलों की बोलियों का संकालिक अध्ययन (ब्रजभाषा एवं खड़ी बोली का संक्रान्ति क्षेत्र): - हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1967)
    (4) परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक अध्ययनः (Phonemic Study of Standard Hindi) - लोक भारती, इलाहाबाद (1974)
    (5) परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययनः (Morphemic Study of Standard Hindi) -लोक भारती, इलाहाबाद (1967)
    (6) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व परीक्षणः (1978)
    (7) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पश्चात् परीक्षणः (1978)
    (8) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व एवं पश्चात् परीक्षण: (1978)
    (9) हिन्दी ब्रिज कोर्स-परीक्षण (अध्यापक पुस्तिका): ( (1978)
    (10) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवणबोधनः (1978)
    (11) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (क): (1978)
    (12) हिन्दी ब्रज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (ख): (1978)
    (13) हिन्दी ब्रज कोर्स-पठन बोधन: (1978)
    (14) हिन्दी ब्रिज कोर्स-निर्देशित निबंध-लेखन: (1978)
    (15) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (अंग्रेजी से हिन्दी (1978)
    (16) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (हिन्दी से अंग्रेजी (1978)
    (17) हिन्दी ब्रिज कोर्स-अध्यापक निर्देश पुस्तिकाः (1978)
    (18) आवरण के परे: 1.क्षमा 2. मार्दव 3.आर्जव 4. सत्य 5. शौच 6. संयम 7. तप 8. त्याग 9. आकिंचन्य 10. ब्रह्मचर्य -- श्री दि. जैन सभा, जबलपुर (1979)
    (19) सूरदास एवं सूर सागर की भाव योजना: - मदनमहल ज.स्ट., जबलपुर (1982)
    (20) गद्य सुषमाः (सम्पादन) - मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1983)
    (21) भाषा एवं भाषा विज्ञान: -लोक भारती, इलाहाबाद (1985)
    (22) विश्व शान्ति एवं अहिंसा: - श्री अखिल भारतीय जैन विद्वत्परिषद् एवं सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर (ज्ञान-प्रसार पुस्तक माला क्रमांक-72 (अक्टूबर, 1990)
    (23) हिन्दीः रचना और प्रयोग: (सम्पादन) मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1992)
    (24) विश्व चेतना तथा सर्वधर्म समभाव: - वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली (1996)
    (25) भगवान महावीर एवं जैन दर्शन: -लोक भारती, इलाहाबाद (2006)
    Bhagwan Mahaveer Jeevan Aur Darshan (books.google.com/books?isbn=8180310809
    Mahaveer Saran Jain – 2006)
    (26)Antiquity of Jainism (http://www.scribd.com/doc/22566494/Antiquity-of-Jainism)
    (27) The Essence of Dharma The Essence of Dharma(Link)Edit
    http://www.scribd.com/doc/22538183/The-Essence-of-Dharma
    (28) हिन्दी-उर्दू http://www.scribd.com/doc/22142436/Hindi-Urdu
    (29) हिन्दी की अंतरराष्ट्रीय भूमिका
    http://www.scribd.com/doc/22573933/Hindi-kee-antarraashtreeya-bhoomikaa
    (30) संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी
    Hindi should be a UNO language(Link)Edit
    http://www.scribd.com/doc/22142721/Hindi-should-be-a-uno-language
    (31) भगवान श्री कृष्ण
    http://www.scribd.com/doc/105305790/Shree-Krishna
    (32) हिन्दी भाषा-क्षेत्र
    http://www.scribd.com/doc/105906549/Hindi-Divas-Ke-Avasa
    (33) गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता
    http://www.hindi.mkgandhi.org/article/GandhiDarshanKeePraasangikataa.pdf
    http://www.scribd.com/doc/108950780/Gandhee-Darshan-Kee-Praasangikataa
    (34) भाखा बहता नीर
    http://www.scribd.com/doc/110501224/Bhakhaa-Bahataa-Neer
    (35) भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ
    http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages
    (36) भारोपीय भाषा-परिवार
    http://www.scribd.com/doc/120501020/The-Indo-European-Fa
    (37) भारत की भाषाएँ
    http://www.scribd.com/doc/111370112/Languages-of-India
    (38) भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता
    http://rachanakar.blogspot.com/2009/09/blog-post_20.html
    http://www.scribd.com/doc/22141758/Hindi-bahubhaashikataa
    (39) भगवान शिव एवं शैव दर्शन
    http://www.scribd.com/doc/133662684/Lord-Shiva-and-Shai
    (40) स्वामी विवेकानन्द
    http://www.scribd.com/doc/159750362/Swami-Vivekananda
    (41)दशलक्षण धर्म
    http://www.scribd.com/doc/170828415/Daslakshan-Dharma-or-ten-virtues-दश-लक्षण-धर्म
    (42) हिन्दी की अन्तर-क्षेत्रीय, सार्वदेशीय एवं अन्तरराष्ट्रीय भूमिका :http://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_8861.html
    (43) कर्म सिद्धांत का सामाजिक संदर्भः
    http://www.jainlibrary.org/elib_master/article/210000_article_hindi/Karm_aur_Samajik_Sandarbh_229891.pdf
    (44) The Doctrine of Karma in Jain Philosophy
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353
    (45) The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy
    http://www.scribd.com/doc/219047226/The-Path-to-Attain-Liberation-in-Jain-Philosophy
    (46) Bhagwaan Mahaveer Evam Jain Darshan
    Original Title: भगवान महावीर एवं जैन दर्शन
    Bhagwaan Mahaveer Evam JainDarshan (English Translation: Dr. Pradyumna Shah Singh
    Punjabi University, Patiala,India) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353

  • शोध निबन्ध: 

    1. बुलन्दशहर की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन: हिन्दुस्तानी, भाग 22, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ. 75-92 (1961)
    2. हिन्दी संज्ञा: आकारान्त शब्द -पदग्रामिक विश्लेषण एवं वर्गबंधनः नागरी प्रचारिणी पत्रिका, मालवीय शती विशेषांक,वर्ष 66, अंक 2-3-4, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी पृ. 462-472 (1961)
    3. ब्रज भाषा के सर्वनाम पदः मध्य भारती, बुलेटिन सं0-1, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ. 107-114 (1962)
    4. ध्वनिग्राम शास्त्र एवं पदग्राम शास्त्र: हिन्दुस्तानी, भाग 23, अंक 2, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ. 107-112 (1962)
    5. खड़ी बोली एवं ब्रज भाषा के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन: (भाषा शास्त्र की रूपरेखा-डॉ. उदयनारायण तिवारी), लीडर प्रेस, इलाहाबाद पृ. 231-245 (1963)
    6. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों के विशेषणः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 2, अंक 2, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ. 182-197 (1963)
    7. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र में उपलब्ध संध्यक्षरों का अध्ययनः भारतीय साहित्य, वर्ष 8, अंक 3, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा पृ. 95-99 (1963)
    8. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का संज्ञा-विभक्तिमय अध्ययनः भाषा, वर्ष 3, अंक 2, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली पृ. 56-70 (1963)
    9. काव्य भाषा का स्वरूप: कल्पना, नं0-145, सुलतान बाजार, हैदराबाद पृ. 56-70 (1963)
    10. महादेव के काव्य की पीड़ा में निहित प्रेम तत्वः महादेवी अभिनन्दन ग्रन्थ, भारती परिषद्, प्रयाग पृ. 159-163 (1964)
    11. प्रत्ययः अधुनातम भाषाशास्त्र के संदर्भ में: हिन्दुस्तानी, भाग 25, अंक 1-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ. 363-364 (जनवरी-दिसम्बर, 1964)
    12. हिन्दी सीखने में तमिल भाषियों की कठिनाइयाँ: गवेषणा, वर्ष 2, अंक 3, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा पृ. 31-44 (मार्च, 1964)
    13. कामायनी में भाव एवं रस योजना: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ. 232-240 (1965)
    14. नाट्य परम्परायें एवं प्रसाद के नाटकों का वस्तु एवं शिल्प स्तर: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर,आगरा पृ. 301-311 (1965)
    15. भाषिक भूगोल एवं बोली विज्ञान: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत: विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ. 510-518 (1965)
    16. हिन्दी अक्षरः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 3, नं0 3, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ. 175-192 (1965)
    17. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण का महत्व: भारतीय शिक्षा, अष्टम अंक, प्रथम वर्ष, भारतीय शिक्षक संघ, कानपुर पृ. 48-51 (अक्टूबर,1965)
    18. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण की समस्यायें: जन शिक्षण, वर्ष 30, अंक 10-11, विद्या भवन सोसाइटी, उदयपुर पृ. 8-27 (अक्टूबर-नवम्बर, 1965)
    19. भाषा का प्रश्न और भारत की एकताः कुछ प्रश्न एवं दिशा बोध: आलोचना, पूर्णांक 35, नवांक 9, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली पृ. 137-142 (जनवरी, 1966)
    20. ध्वनि विज्ञान एवं हिन्दी ध्वनियों का अध्ययन: क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा प्रकाशित (1966)
    21. अन्य भाषा शिक्षण में व्याकरण एवं अनुवाद पद्धति का उपयोग: नया शिक्षक, भाषा शिक्षण विशेषांक, वर्ष 9, अंक 2-3, शिक्षा विभाग, राजस्थान, बीकानेर पृ. 170-175 (अक्टूबर, 1966-जनवरी,67)
    22. नव्यतर आर्य भाषाओं एवं द्रविड़ भाषाओं के मध्य भाषात्मक समानताएँ: माध्यम, वर्ष 3, अंक 10, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद पृ.-56-58 (फरवरी,1967)
    23. अन्य भाषा शिक्षण तथा ध्वनि विज्ञान: भाषा शिक्षण तथा भाषा विज्ञान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा पृ. 43-47 (1969)
    24. Gender in Hindi Language: Bulletin of Centre for Advanced Study in Education, University of Baroda (Restricted Publication) (1970)
    25. हिन्दी संज्ञा वाक्यांशः केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा द्वारा साइक्लोस्टाइल्ड (1971)
    26. हिन्दी के उपवाक्य % Report of Language Workshop, National Academy of Administration, Govt. of India, Mussoorie (Restricted publication) (1972)
    27. हिन्दी संज्ञाः भाषा (हिन्दी भाषाविज्ञान विशेषांक), केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली पृष्ठ 142 – 152 (1973)
    28. हिन्दी के स्वर ध्वनिग्राम % Jabalpur University Research Journal, Vol.I, No. I, pp. 13-28 (June, 1973)
    29. हिन्दी की उपवाक्य संरचना % Journal of LBS National Academy of Administration, Vol. XIX, pp. 87 - 92 (1974)
    30. तुलसीदास और रामचरितमानसः माय मराठी, मानस चतुः शताब्दी विशेषांक, वर्ष 40, अंक 8, वृहत् महाराष्ट्र मण्डल, नई दिल्ली, पृष्ठ 43 - 47 (अगस्त, 1974)
    31. जैन दर्शन की आधारभित्ति-अनेकांतावाद एवं स्याद्वादः The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, महावीर विशेषांक, Vol. XVIII, No. 2 & 4, पृष्ठ 53 – 61 (May & Nov., 1974)
    32. भगवान महावीर का संदेश एवं आधुनिक जीवन संदर्भ: महाराष्ट्र मानस, भगवान महावीर विशेषांक, महाराष्ट्र सरकार, बम्बई, पृ. 55-71 (1975)
    33. अन्य भाषा के रूप में हिन्दी का शिक्षण: भाषा, वर्ष 14, अंक 3-4, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ. 162-172 (1975)
    34. हिन्दीः स्वरूप एवं वर्तनी: प्रकाशित मन, वर्ष 2, अंक 2, दिल्ली पृ. 11-14 (जुलाई, 1975),
    35. भाषा और साहित्य: वीणा, वर्ष 49, अंक 4, इन्दौर, पृ. 17-24 (अप्रेल, 1976)
    36. हिन्दी भाषा के रूप: दिनमान, टाइम्स ऑफ इण्डिया प्रकाशन, दिल्ली, पृ. 11-13 (अगस्त, 1976)
    37. हिन्दी ब्रिज कोर्स परियोजना: जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर (11 सितम्बर, 1976)
    38. प्राकृत एवं अपभ्रन्शः संस्कृत-प्राकृत जैन व्याकरण और कोश की परम्परा-आचार्य श्री कालूगणी स्मृति ग्रन्थ, छापर (राजस्थान), पृ. 287-302 (फरवरी, 1977)
    39. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXI, No. 2 & 4, pp. 73-88 (May & Nov., 1977)
    40. अनुसंधान की अनेकांतवादी दृष्टिः संभावना, हिन्दी शोध और समीक्षा की अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टियुक्त अर्द्ध वार्षिकी, शोध-तन्त्र विशेषांक, वर्ष 3, अंक 5-6, हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, पृ. 34-36 (1977)
    41. महावीर पूर्व जैन धर्म की परम्पराः श्री राजेन्द्र ज्योति, राजेन्द्र सूरीश्वर जन्म सार्ध शताब्दी समिति, मध्यप्रदेश, चतुर्थ खण्ड पृ. 114-117 (1977)
    42. देवनागरी लिपि एवं हिन्दी की वर्तनी: नागरी लिपि सम्मेलन स्मारिका, नागरी लिपि परिषद्, राजघाट, नई दिल्ली, पृ. 41-46 (अप्रेल, 1977)
    43. आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृ. 15-23 (1978)
    44. हिन्दी शब्दानुशासन का संदर्भ तथा अपनी बात: आचार्य किशोरीदास वाजपेयी अभिनन्दन ग्रन्थ, कनखल, हरिद्वार, पृ. 189-198 (1978)
    45. सूरसागर की भावयोजना का आध्यात्मिक आधार: ‘‘सूरदास’’ - मध्यप्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल, पृ. 71-87 (1978)
    46. समता समाज: श्रमणोपासक, समता विशेषांक, श्री अ0भा0सा0जै0संघ, बीकानेर, पृ. 199-206 (1978)
    47. भाषा-परिवर्तन: पत्राचार अध्ययन एवं अनवरत शिक्षा संस्थान, जयपुर विश्वविद्यालय, जयपुर (1978)
    48. हिन्दी व्याकरण: पत्राचार पाठ्यक्रम एवं अनुवर्ती शिक्षा विद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय (1978)
    49. महावीर की वाणी का मंगलमय क्रान्तिकारी स्वरूप: तीर्थंकर महावीर स्मृति ग्रन्थ, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, पृ. 43-50 (1978)
    50. हिन्दी में रूपग्रामिक विश्लेषण की कुछ समस्याएँ: गवेषणा, वर्ष 16, अंक 31, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, पृष्ठ 63-70 (1978)
    51. भगवान महावीर: जीवन दर्शन और सिद्धान्त: (भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण दिवस पर आयोजित भाषण माला के अंश), अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा (म0प्र0), पृ. 8-33 (1978)
    52. तद दो प्रवाह एकः मुनि नथमल जी की रचना दृष्टि: महाप्रज्ञ-व्यक्तित्व एवं कृतित्व, मित्र परिषद्, कलकत्ता-700 073, पृ. 140-142 (जनवरी, 1980)
    53. भाषा-सांस्कृतिक चिह्नक: परिषद्-पत्रिका, शोध त्रैमासिक, वर्ष 19, अंक 4, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, पृ. 159-160 (जनवरी, 1980)
    54. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: शताब्दी चर्चा, प्रेमचन्द जन्मशती विशेषांक, जबलपुर (जुलाई, 1980)।
    55. हिन्दी पद रचना: भारतीय साहित्य (डॉ. विश्वनाथ प्रसाद स्मृति विशेषांक), वर्ष 21, अंक 1-4, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा, पृ. 31-42 (फरवरी, 1981)
    56. महावीर-वाणी का क्रान्तिकारी स्वरूप: जिनवाणी, वर्ष 38, अंक 4, सम्यज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, पृ. 13-19 (अप्रेल, 1981)
    57. भाषावैज्ञानिक अनुसंधान-क्षेत्र एवं दिशायें: परिषद् पत्रिका, वर्ष 21, अंक 2, बिहार राष्ट्र भाषा परिषद्, पटना, पृ. 119-124 (जुलाई, 1981)
    58. चरित्र निर्माण की आवश्यकता एवं बाल संस्कार: श्रमणोपासक (बाल संस्कार शिक्षा संगोष्ठी विशेषांक), वर्ष 19, अंक 6-7, बीकानेर, पृ. 17-30 (अक्टूबर, 1981)
    59. अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांतवाद: पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल स्मारिका, जयपुर, पृ. 1-21 (1981)
    60. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXV No. 2 & 4), pp. 85-92 (May & November, 1981)
    61. प्रेमचन्द के उपन्यासों में भाषिक प्रयोग: शोध (साहित्य-संस्कृति-गवेषणा- प्रधान पत्रिका), प्रेमचन्द अंक, नागरी प्रचारिणी सभा, आरा (भोजपुर: बिहार), पृष्ठ 54-60 (1981-82)
    62. कृष्ण काव्य परम्परा में भक्ति, प्रेम एवं संगीत: संकीर्तनांक-पंचदश वार्षिक बसन्तोत्सव, वर्ष 15, अंक 9, प्रकाशकः श्री श्याम-सरोवर, कलकत्ता (1982)
    63. जैन धर्म और दर्शन की प्रासंगिकता: महावीर जयन्ती स्मारिका, अंक 19, द्वितीय खण्ड, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृष्ठ 21-29 (1982)
    64. प्रेमचन्द के उपन्यास: भाषा वैज्ञानिक अध्ययन: प्रज्ञा: प्रेमचन्द स्मृति अंक, अंक 27 (भाग 2) एवं अंक 28 (भाग 1), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, पृष्ठ 143-150 (1982)
    65. भाषा के विविध रूप एवं प्रकार: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXVII No. 2, pp. 1-16 (May, 1983)
    66. भाषा और विचार: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXVII No.4, pp. 17-22 (November, 1983)
    67. भाषा के विविध रूप एवं प्रकार: भाषा, विश्व हिन्दी सम्मेलन विशेषांक, तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन, वर्ष 22, अंक 3-4, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृष्ठ 221-230 (1983)
    68. साठोत्तरी हिन्दी कहानी: पूर्णा, साठोत्तरी हिन्दी कहानी समीक्षा विशेषांक, विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, नागपुर, पृष्ठ 79-85 (1984)
    69. Influenta limbilor Pracrit si Apabhransa asupra limbilor Indo-ariene moderne: ANALELE UNIVERSITATii, BUCURESTI Limba si Literatura Romana Anul XXXVI, pp. 33-43. (1987)
    70. विश्वधर्म के रूप में जैन धर्म-दर्शन की प्रासंगिकता:आस्था और चिन्तनः आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ, तृतीय खण्ड, आचार्यरत्न श्री देशभूषण श्री महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ समिति, दरीबा कलां, दिल्ली, पृष्ठ 58-63 (1987)
    71. जैन धर्म-दर्शन: श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा हीरक जयन्ती स्मारिका, चिन्तन मनन खण्ड, श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कलकत्ता, पृष्ठ 13-19 (1988)
    72. आचार्य विद्यासागर प्रणीत महाकाव्य मूकमाटीः णाणसायर (ज्ञानसागर), अंक 3, यमुना विहार, दिल्ली, पृ. 25-48 (मार्च, 1990)
    73. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण भक्ति-काव्यः सम्भावना (भक्ति काव्य विशेषांक), वर्ष 8, अंक 13-14, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, पृ. 6-9 (मई, 1990)
    74. अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना एवं विश्व शान्तिः अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी प्रचार एवं प्रसार समिति, नई दिल्ली,पृष्ठ 89-97 (मई, 1990)
    75. विश्वशान्ति एवं अहिंसाः अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी प्रचार एवं प्रसार समिति, नई दिल्ली, (अक्टूबर, 1990), पृष्ठ 261-268 (अक्टूबर, 1990)
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    91. विदेशों में हिन्दी भाषा और साहित्य: राजभाषा पुष्पमाला, वर्ष 9, अंक 108, राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली-110003, पृष्ठ 2-9 (1997)
    92. अनुवादः प्रकृति, सिद्धान्त एवं समस्याएँ: विकल्प, अनुवाद विशेषांक, वर्ष 6, संयुक्तांक-अक्टूबर, 1996 से मार्च 1997, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून-248005,पृष्ठ 55-56 (1996 – 1997)
    93. विदेशों में हिन्दीः The Administrator, Vol. XL III (Special Issue on Language, Literature & Culture), Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration, MUSSORIE, pp. 141 - 165 (1998)
    94. भाषाविज्ञान एवं मानवविज्ञान (डॉ. उदय नारायण तिवारी स्मृति व्याख्यान का संशोधित रूप) % The Research Journal of the Hindi Science Academy, Vol. 42, No.4, Allahabad, pp. 215 - 237 (October, 1999)
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    99. The Infuences of Prakrit and Apbhransha languages on modern Indo-aryan languages: ऋषिकल्प डॉ. हीरालाल जैन स्मृति ग्रन्थ, डॉ. हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह समिति, जबलपुर, पृ. 120-139 (2001)
    100. हिन्दी की अन्तरक्षेत्रीय एवं अन्तर्देशीय भूमिकाः आत्म सम्भवा (त्रैमासिक), अंक 2-4, विश्वविद्यालय परिसर, वर्धमान (पश्चिम बंगाल), पृ. 48-51 (2001-2002)
    101. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण (प्रयोजन मूलक हिन्दी के विशेष संदर्भ में): स्रवंति, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा-आन्ध्र, हैदराबाद, पृ. 90-93 (2002-2003)
    102. हिन्दी की अन्तर क्षेत्रीय, अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भूमिका: सातवां विश्व हिन्दी सम्मेलन स्मारिका, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली, पृ. 13-23 (जून, 2003)
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    107. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड.मीमांसापरक अघ्ययन: राजभाषा भारती, वर्ष 27, अंक 108, राजभाषा विभाग,गृह मंत्रालय , भारत सरकार , नई दिल्ली, पृ. 23-33 (जनवरी-मार्च , 2005)
    108. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी: गगनांचल, वर्ष 28, अंक-4,भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली, पृ. 43-46 ( 2005)
    109. हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा हो: बहुवचन, वर्ष 7, अंक 3, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा,, पृ० 88 - 93 ( अक्टूबर- दिसम्बर, 2005)
    110. Substance Of Dharma: Individual And Social Levels: (08.09.2006)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=cd7697 Jain, Dr. Mahavir Saran : Substance Of Dharma: Individual And Social Levels
    111. हिन्दी भाषा के प्रयोक्ताओं की संख्या: हिन्दी जगत, वर्ष 7, अंक 1, विश्व हिन्दी न्यास, 54, पैरी हिल रोड, न्यूयार्क (यू0एस0ए0), पृ. 31-33 (2006)
    112. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण एवं प्रयोजनमूलक हिन्दी: विकल्प, प्रयोजनमूलक हिन्दी विशेषांक, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून, पृष्ठ 45-46 (जुलाई - सितम्बर, 2006)
    113. डॉ० उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष 8, अंक 4, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, पृ० 32 - 38 (जनवरी - मार्च, 2006)
    114. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण भक्ति काव्यः कुछ प्रश्न: संकल्य, वर्ष 35, अंक 1, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद, पृ० 35 – 38 (जनवरी - मार्च, 2007)
    115. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः साहित्य अमृत, वर्ष 12, अंक 12, नई दिल्ली, पृ० 18 – 21 (जुलाई, 2007)
    116. हिन्दी - उर्दू का अद्वैत: संस्कृति, अंक 13 - 14, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ० 21 – 30 (2007)
    http://indiaculture.nic.in/hindi/Sanskriti-pdf/Sanskriti-Issue-13-14%20(2007).pdf
    117. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अगस्त, 2007)
    http://www.srijangatha.com/HindiWishwa2_Aug2k7
    118. भविष्य का धर्म एवं दर्शनः स्वरूप एवं प्रतिमान , (सृजनगाथा, 01 अप्रैल, 2008)http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Apr2k8
    119. रामधारी सिंह “दिनकर” का काव्य: राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्तिः संकल्य, वर्ष 36, अंक 2, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद, पृ० 30 - 33 ( अप्रैल-जून, 2008)
    120. Antiquity of Jainism (24.09.2008)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=65998 Jain, Dr. Mahavir Saran : Antiquity of Jainism
    121. विज्ञान और प्रोद्योगिकी का विकास एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008)
    http://www.srijangatha.com/HindiWishwa2_Oct2k8
    122. गाँधी की प्रासंगिकता (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../गाँधी-की-प्रासंगिकता-1090130017_1. Htm
    123. डॉ. उदयनारायण तिवारीः व्यक्तित्व एवं भाषावैज्ञानिक चिंतन (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009)
    http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9
    124. रामधारी सिंह 'दिनकर' का काव्य (हिन्दी वेब दुनिया, 03 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../रामधारी-सिंह-दिनकर-का-काव्य- 1090203056_1.htm
    125. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 1 (हिन्दी वेब दुनिया, 07 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090207049_1.htm
    126. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 2 (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090210032_1.htm
    127. धर्म – दर्शन एवं विज्ञान (हिन्दी वेब दुनिया, 13 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-विज्ञान-1090213061_1. htm
    128. धर्म – दर्शन एवं लोकतंत्र (हिन्दी वेब दुनिया, 18 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-लोकतंत्र-1090218027_1. Htm
    129. The Concept of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy (10.03.2009)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=67938 Jain, Dr. Mahavir Saran : The Concept Of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy
    130. Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy (19.03.2009)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=68030 Jain, Dr. Mahavir Saran : Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy
    131. भगवान महावीर एवं जैन दर्शन (हिन्दी वेब दुनिया, 06, अप्रेल, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406061_1.htm
    132. भविष्य का धर्म (रचनाकार, 26 मई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_26.html
    133. भारत की भाषाएँ (रचनाकार, 26 मई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_9270.html
    134. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधारिक भाषाएँ एवं हिन्दी (रचनाकार, 26 मई, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_5569.html
    135. रामधारी सिंह दिनकर का काव्यः काव्य के माध्यम से राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति (रचनाकार, 27 मई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_1993.html
    136. सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 31 मई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html
    137. राम साध्य हैं; साधन नहीं (रचनाकार, 02 जून, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/06/blog-post_02.html
    138. बच्चन के काव्य में निहित मानवीय दृष्टि एवं सामाजिक चेतना (रचनाकार, 03 जुलाई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_03.html
    139. प्रयोजनमूलक हिन्दी की संकल्पना के प्रवर्तक मोटूरि सत्यनारायण (रचनाकार, 17 जुलाई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_17.html
    140. संसार के भाषा- परिवार (रचनाकार, 25 अगस्त, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/08/blog-post_25.html
    141. अध्यात्म एवं विज्ञान (रचनाकार, 07 सितम्बर, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_5417.html
    142. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड्.मीमांसापरक अध्ययन (फिलॉलाजिकल स्टडीज़) (सन् 1940 ईस्वी तक) (रचनाकार, 12 सितम्बर, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_176.html
    143. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण-भक्ति-काव्य (रचनाकार, 04 अक्टूबर, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/10/blog-post_1347.html
    144. भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता (रचनाकार, 14 अक्टूबर, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_20.html
    145. विदेशों में हिन्दी शिक्षणः समस्याएँ और समाधान (हिन्दी वेब दुनिया, 28 अक्टूबर, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../विदेशों-में-हिन्दी-शिक्षण- समस्याएँ-और-समाधान-1091028028_1.htm
    146. कबीर की साधना (रचनाकार, 17 नवम्बर, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_17.html
    147. आत्मा एवं परमात्मा का भेद तात्त्विक नहीं है; भाषिक है (रचनाकार, 25 नवम्बर, 2009)
    http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_25.html
    148. सोलह कलाओं के अवतार श्री कृष्णः (रचनाकार, 03 जनवरी, 2010)
    www.rachanakar.org/2010/01/blog-post_03.html
    149. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010)
    www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html
    150. हिन्दी भाषा का क्षेत्र एवं हिन्दी के क्षेत्रगत रूपः (रचनाकार, 05 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/1.html
    151. हिन्दी एवं उर्दू का अद्वैतः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/2.html
    152. हिन्दी की अन्तरदेशीय भूमिकाः रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/3.html
    153. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाङ्मीमांसापरक अध्ययनः (फिलॉलाजिकल स्टडीज) (सन् 1940 ईस्वी तक) रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/4.html
    154. विदेशों में हिन्दी शिक्षण : समस्याएँ और समाधान (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/5.html
    155. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी भाषापरक अध्ययनः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/6.html
    156. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी साहित्य सृजन एवं साहित्य समीक्षाः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/7.html
    157. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् हिन्दी की साहित्यिक कृतियों का विदेशी भाषा में तथा विदेशी साहित्यिक कृतियों/लोककथाओं का हिंदी में अनुवादः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010)
    http://www.rachanakar.org/2010/07/8_07.html
    158. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः विश्व हिन्दी पत्रिका, विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस, पृष्ठ 17 – 22
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    http://vishwahindi.com/hi/downloads/vhp/vhp2011.pdf
    159. गाँधी दर्शन (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012)
    www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html
    160. हिन्दी भाषा के विविध रूप (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012)
    www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html
    161. भाखा बहता नीरः साहित्य अमृत, प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली, (अक्टूबर, 2012)
    162. हिन्दी में वैज्ञानिक लेखन एवं प्रौद्योगिकी के विकास के लिए करणीयः विचारार्थ कुछ विचार (रचनाकार, 12 फरवरी, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_9501.html
    163. भगवान शिव एवं शैव दर्शनः (रचनाकार, 05 अप्रैल, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_3823.html
    164. भारत में प्राचीन काल में नारी की स्थितिः (रचनाकार, 12 अप्रैल, 2013)
    www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_12.html
    165. भारोपीय भाषा- परिवारः (रचनाकार, 30 अप्रैल, 2013)http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_4978.html
    166. भाषा-परिवार एवं विश्व- भाषाएः (प्रवक्ता, 04 मई, 20130
    http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages
    167. भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा एवं भाषाओं के विवरण के आधारः (प्रवक्ता, 17 मई, 2013)
    http://www.pravakta.com/study-design-of-indian-languages-and-description-of-the languages
    168. संस्कृत भाषा काल में विभिन्न समसामयिक अन्य लोकभाषाओं / जनभाषाओं का व्यवहारः (रचनाकार, 25 मई, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_5218.html
    169. पालि भाषाः व्युत्पत्ति, भाषा-क्षेत्र एवं भाषिक प्रवृत्तियाँ (रचनाकार, 30 मई, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_8285.html
    170. मध्य भारतीय आर्य-भाषाओं का प्रथम विकास-कालः अभिधान एवं काल-सीमा (रचनाकार, 03 जून, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_5248.html
    171. साहित्यिक प्राकृतों (शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी, अर्ध-मागधी, पैशाची) को भिन्न भाषाएँ मानने की परम्परागत मान्यताः पुनर्विचार (रचनाकार, 07 जून, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_1496.html
    172. स्वाधीनता संग्राम के युग में दक्षिण-भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार (रचनाकार, 28 जुलाई, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_4027.html
    173. भारोपीय परिवार की भारतीय आर्य भाषाएँ : (प्रवक्ता, 01 अगस्त, 2013)
    http://www.pravakta.com/indian-aryan-languages-of-the-indo-european-family
    174. प्रेमचन्द का कथा-साहित्यः भावगत और भाषिक प्रदेयः (रचनाकार, 01 अगस्त, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post.html
    175. तुलसीदास के रामः (रचनाकार, 13 अगस्त, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_7677.html
    176. स्वामी विवेकानन्दः मानव सेवा एवं सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 30 अगस्त, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_9241.html
    177. भवानी प्रसाद मिश्रः सामान्य से दिखने वाले असाधारण कवि (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html
    178. हिन्दी-उर्दू का अद्वैतः अभिनव इमरोज़, वर्ष – 3, अंक – 17, सभ्या प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ 34 – 43 (जनवरी, 2014)
    180. The Doctrine of Karma in Jain Philosophy (Posted: 09.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98354
    181. Meaning of Karma in Jain Philosophy (Posted: 10.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98355
    182. The bondage from point of view of karmic-flow in Jain Philosophy (Posted: 11.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98356
    183. How an abstract and spiritual be related with concrete and material (Posted: 11.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98386
    184. How the effects of concrete karmas are possible on abstract soul (Posted: 11.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98387
    185. Types of karma in Jain Philosophy (Posted: 12.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98388
    186. The process of attachment of Karma matter with the soul (Posted: 13.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98389
    187. The Scientific and Psychological study of the doctrine of karma (Posted: 14.03.2014)
    http://www.herenow4u.net/index.php?id=98391
    188. The root causes of the influx and bondage of the karma in Jain Philosophy (Posted: 15.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=983921
    189. Types of bondage in Jain Philosophy (Posted: 16.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98393
    190. Sayog Kevali Jin or an Arhanta (Posted: 17.03.2014) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98394
    191. द्रविड़ परिवार की भारतीय भाषाएँ (प्रवक्ता, 24 मार्च, 2014)
    http://www.pravakta.com/the-dravidian-family-of-indic-languages
    192. आग्नेय परिवार (आस्‍ट्रो-एशियाटिक) की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 28 मार्च 2014)
    http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_28.html
    193. तिब्बत-बर्मी परिवार की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 05 अप्रैल, 2014)
    http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_8211.html
    194. अपभ्रंश एवं आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के संक्रमण-काल की रचनाएँ (प्रवक्ता, 03 अप्रैल, 2014)
    http://www.pravakta.com/apabhra%E1%B9%83sa-modern-indian-aryan-languages-transition-period-of-compositions#comment-46629
    195. आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में उपलब्ध प्रथम साहित्यिक रचना-कृति (रचनाकार, 13 अप्रैल, 2014)
    http://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_6900.html#l

     

  • चयनित लेख:
     

    1. भाषा शास्त्रीय संदर्भ में भाषा-विधेयक के समर्थकों को प्रत्युत्तर: प्राच्य भारती, वर्ष 4, अंक 45, हिन्दी निर्माण परिषद्, मन्दार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1963)
    2. आधुनिक विचारधारा और साहित्य: समन्वय, वर्ष 5, अंक 5, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1963-64)
    3. समसामयिक परिस्थितियों में भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान की आवश्यकता: चेतावनी, बुलन्दशहर, गणतन्त्र विशेषांक (26 जनवरी, 1964)
    4. भारत में नाटकों की परम्परा का आरम्भ: प्राच्य भारती, वर्ष 5, अंक 56, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1964)
    5. लोक साहित्य: प्राच्य भारती, वार्षिक विशेषांक, वर्ष 6, अंक 58-59, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (1964-65)
    6. मैथिलीशरणगुप्त - व्यक्तित्व और कृतित्व: साप्ताहिक बुलन्दशहर टाइम्स (दिसम्बर, 1964)
    7. शिक्षण एवं प्रशासन के माध्यम का प्रश्न: मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन विवरणिका, तृतीय अधिवेशन, जबलपुर (जनवरी, 1965)
    8. हिन्दी के विद्वानों से: साहित्य परिचय, हिन्दी अंक, वर्ष 1, अंक 3, साहित्य परिचय, डॉ. रांगेय राघव मार्ग, आगरा (मार्च, 1966)।
    9. कुछ विचार: आलोक, महावीर जयन्ती के अवसर पर विशेष प्रकाशन, जबलपुर (3 अप्रेल, 1966)
    10. गुरु नानक की विचारधारा: गुरु नानक प्रकाश, श्री गुरु नानक देव जी की पंचम जन्मशताब्दी पर विशेष प्रकाशन, यंग खालसा एसोसिएशन, जबलपुर (1967)
    11. हिन्दी की सार्वदेशिकता एवं राष्ट्रीय चेतना: नवभारत, जबलपुर (जुलाई, 1967)
    12. कविवर सेनापति: जनपद के साहित्यांचल से, बुलन्दशहर (1968)
    13. आधुनिक परिस्थितियाँ एवं भगवान महावीर का सन्देश: परिव्राजक की धर्म यात्रा, जैन नवयुवक सभा, जबलपुर (31 मार्च, 1969)
    14. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण: हिन्दी ज्योति, हिन्दी शिक्षण योजना (मध्य क्षेत्र) विवरणिका, जबलपुर (2 अक्टूबर, 1972)
    15. स्थिति और दिशा दृष्टि: अग्रसेन जयन्ती पत्रिका, अंक 6, जबलपुर (1973)
    16. भगवान महावीर का संदेश: तीर्थंकर, मुनि श्री विद्यानंद विशेषांक, इन्दौर (अप्रेल, 1974)
    17. भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा: पं0 उदय अभिनन्दन ग्रन्थ, कानौड़ (राजस्थान) (1974)
    18. महावीर की वाणी का मंगलमय - क्रान्तिकारी स्वरूप: वीर निर्वाण विचार सेवा, इन्दौर (नवम्बर, 1974)
    19. महाकवि निराला - व्यक्तित्व एवं कृतित्व: निराला साहित्य परिषद् वार्षिकी, वाराणसी (1975)
    20. महावीर की विचारधारा में मानवीय उन्नयन एवं सामाजिक समता की भावना: महावीर निर्वाण स्मारिका, जैन समाज, खेतड़ीनगर (1976)
    21. आत्मानुसंधान की यात्रा: पं0 सुमेरुचंद दिवाकर अभिनंदन ग्रन्थ, जबलपुर (1976)
    22. महावीर का संदेश एवं आधुनिक संदर्भ: तुलसी प्रज्ञा, (स्मृति विशेषांक), अंक 6, जैन विश्व भारती, लाडनू, राजस्थान (1976)
    23. सव्वै जीवामित्ति में भूएसू: जैन जगत, भारत जैन महामण्डल, बम्बई (1977)
    24. देवनागरी लिपि: राष्ट्रभाषा संदेश, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (नवम्बर, 1977)
    25. ईश्वर - परिकल्पित निरर्थकता, आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, जयपुर (1978)
    26. जैन धर्म: श्री महावीर जयंती समारोह स्मारिका, कलकत्ता-7 (अप्रेल, 1979)
    27. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: श्री पुष्कर मुनि अभिनन्दन ग्रन्थ, षष्ठम खण्ड, अ0ग्रं0स0, बम्बई-उदयपुर (1980)
    28. कोई भाषा बदबूदार नहीं होती: नवभारत, जबलपुर (26 जनवरी, 1981)
    29. संसार की सबसे विशाल प्रतिमा: नवभारत, जबलपुर (22 फरवरी, 1981)
    30. विद्या मन्दिर की आधारशिला में सहभागी होने का गर्व: डी0ए0वी0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुलन्दशहर की रजत जयन्ती स्मारिका, बुलन्दशहर (1981)
    31. अहिंसा: जीवन का विधानात्मक मूल्य: सरयू सौरभ, जबलपुर (1982)
    32. जैन धर्म बनाम विश्व धर्म: जय गुंजार, वर्ष 5, अंक 11, ब्यावर (राजस्थान) (फरवरी, 1982)
    33. कर्मवाद और सामयिक स्थितियाँ: जिनवाणी, कर्म-सिद्धान्त विशेषांक, जयपुर (1982)
    34. हिन्दी भाषा का अर्थ: युगचक्र (राष्ट्रभाषा हिन्दी: समस्या और समाधान) वर्ष-1, अंक-2, अलीगढ़ (1983)
    35. धर्म: सार्वभौम चेतना का सत्संकल्प: श्रमणोपासक, वर्ष 22, अंक 5, श्री अ0भा0सा0 जैन संघ, समता भवन, बीकानेर (1984)
    36. Culturi Infratite : CRONICA, Anul XXII, No. 49 (1140), Iasi (Romania) (1987)
    37. प्रतिभा पुंज: स्वामी विवेकानन्द: श्री रामकृष्ण आश्रम, जबलपुर स्मारिका (दुर्गोत्सव) (1988)
    38. बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा का महत्व: बाल दर्शन (बालहित चेतना का प्रमुख हिन्दी मासिक), वर्ष 15, अंक 11, कानपुर-दिल्ली (नवम्बर,1989)
    39. चरित्र निर्माण में अभिभावक, शिक्षक एवं समाज का दायित्व: बाल दर्शन, वर्ष 15, अंक 12, कानपुर-दिल्ली (दिसम्बर, 1989)
    40. विश्व धर्म के रूप में जैन धर्म की प्रासंगिकता: प्रभावना - पंच कल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका, गोटेगांव, (जिला) नरसिंहपुर, (म0प्र0) (1989)
    41. आत्मानुसंधान की प्रक्रिया एवं स्थिति: श्री जैन सभा, भगवान महावीर जयन्ती समारोह स्मारिका, कलकत्ता (1990)
    42. विश्व यात्री की महायात्रा: समन्वय, वर्ष-37, अंक-37, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1995-1996)
    43. डॉ. शंकर दयाल सिंह, इस्पात भाषा भारती (स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह की स्मृति में विशेषांक), वर्ष-17, पूर्णांक-50 (1996)
    44. राग चेतना के गायक: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-19, अंक-10, कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति, बेंगलौर (फरवरी, 1999)
    45. अलग नहीं हैं - भाषा-बोली: अक्षर पर्व, वर्ष-2, अंक-6, देशबंधु प्रकाशन विभाग का मासिक आयोजन, रायपुर (दिसम्बर, 1999)
    46. प्राच्य विद्याचार्य डॉ. हीरालाल जैन: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-20, अंक-8, बेंगलोर (दिसम्बर, 1999)
    47. जबलपुर में डॉ. हीरालाल जैन: प्राच्य विद्याचार्य डॉ. हीरालाल जैन जन्म शताब्दी स्मारिका, जबलपुर (1999-2000)
    48. जनसंख्या, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन: स्वर्ण जयन्ती स्मारिका, नेशनल चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एण्ड कामर्स, आगरा (1999-2000)
    49. लघु कृषि एवं ग्रामीण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा सम्मेलन पर प्रकाशित स्मारिका में हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में विचार, आगरा (2000)
    50. सर्वधर्म समभाव: शुभ कल्याणिका, द्वितीय अंक, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2000)
    51. हिन्दी की भूमिका: प्रेरणा, वर्ष-7, अंक-1, केन्द्रीय जालमा कुष्ठ संस्थान, आगरा (मार्च, 2000)
    52. हिन्दी: राजभाषा से जनभाषा: प्रेरणा, (राजभाषा विशेषांक), वर्ष-7, अंक-3, आगरा (2000)
    53. राजभाषा हिन्दी: भारतवाणी, राजभाषा विशेषांक, वर्ष 45, अंक-6, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, कर्नाटक शाखा, धारवाड़ (सितम्बर, 2000)
    54. हिन्दी भाषा का महत्व: संकल्पायन, दशम अंक, देहरादून (2001)
    55. वसुधैव कुटुम्बकम्: शुभ कल्याणिका, वर्ष-3, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2002)
    56. हिन्दी भाषा: एन0सी0एल0 आलोक, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, पुणे (सितम्बर, 2002)
    57. आत्मानुसंधान की यात्रा: शुभ कल्याणिका, वर्ष 4, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003)
    58. Essence of Hinduism: Vedic Sandesh, Twentieth Anniversary, Fremont, C.A., U.S.A. (August, 2003)
    59. Substance of Dharma: India Post, Vol. 9, No. 471, Voice of Indians Worldwide, U.S.A. (15th August, 2003)
    60. Twenty First Century belongs to Hindi: India Post, Vol. 9, No. 480, U.S.A. (October 17, 2003)
    61. क्षमा: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003)
    62. कांतिभाई पटेल: सद् गृहस्थ संत: श्री कांति भाई पटेल अभिनन्दन ग्रन्थ, आगरा (2003)
    63. डॉ. शिव गोपाल मिश्र: हिन्दी के विकास के लिए समर्पित व्यक्तित्व: डॉ. शिव गोपाल मिश्र की 70 वीं वर्षगाँठ पर अभिनन्दनग्रन्थ, विज्ञान परिषद्, प्रयाग (2003)
    64. मार्दव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-2, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2004)
    65. आर्जव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जून, 2004)
    66. सत्य: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-4, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (सितम्बर, 2004)
    67. शौचः शुचिता, स्वच्छता, पवित्रता और निर्मलता: शुभ कल्याणिका, वर्ष-6, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (दिसम्बर, 2004)
    68. हिन्दी और भारतीय चेतना: केरल ज्योति, केरल हिन्दी प्रचार समा, तिरुवनंतपुरम, (2004)
    69. विश्व हिन्दी न्यास के तृतीय वार्षिक अधिवेशन का मुख्य व्याख्यानः सूचना भारती, अंक 3, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली (2004 - 2005)
    70. क्रोध से बचें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (30, अगस्त, 2005)
    71. क्षमा करना सीखें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13, सितम्बर, 2005)
    72. सत्य, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (8, नवम्बर, 2005)
    73. सत्य ही आनन्द, ब्रह्म एवं ईश्वर, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (29, नवम्बर, 2005)
    74. हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा हो: बहुवचन, वर्ष-7, अंक-13, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (अक्टूबर - दिसम्बर, 2005)
    75. प्रज्ञा पुरुष: राजर्षि परमानन्द भाई पटेल स्मृतिग्रंथ, जबलपुर, (2006)
    76. मेरे गुरु डॉ. उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष-8, अंक-14, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (जनवरी -मार्च, 2006)
    77. अहंकार, गर्व, मद एवं कठोरता, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13, दिसम्बर, 2005)
    78. भौतिक पदार्थों के प्रति ममत्व का त्याग, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (10, जनवरी, 2006)
    79. लोभ से सभी सद्गुणों का नाश, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7, फरवरी, 2006)
    80. पवित्रता, शुचिता, और आत्मशुद्धि, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7मार्च, 2006)
    81. आध्यात्मिक दृष्टि से त्याग, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (30, मई, 2006)
    82. क्षमा (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007)
    http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee2_Sep2k7
    83. क्रोध (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007)
    http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Sep2k7
    84. अतिरेक और समाधान (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008)
    http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_May2k8
    85. ऐसे राजनेता नहीं चाहिए, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (08 दिसम्बर, 2008 )
    86. राम साध्य हैं; साधन नहीं (हिन्दी वेब दुनिया, 21 जनवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../राम-साध्य-हैं-साधन-नहीं-1090121027_1. Htm
    87. महात्मा गाँधीः (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009)
    http://hindi.webdunia.com/1090130017_1.htm
    88. सर्व धर्म समभावः (हिन्दी वेब दुनिया, 26 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../सर्वधर्म-समभाव-1090226033_1.htm
    89. डॉ. उदयनारायण तिवारी (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009)
    http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9
    90. भगवान महावीर का जन्मः पुनर्भवों की साधना का परिणामः (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009)
    hindi.webdunia.com/.../भगवान-महावीर-का-जन्म-1130420020_1.htm
    91. प्राणी मात्र के कल्याण के लिए भगवान महावीर का संदेशः (हिन्दी वेब दुनिया, 06 अप्रैल, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406055_1.htm
    92. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 1, (हिन्दी वेब दुनिया, 01 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090501088_1.htm
    93. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 2, (हिन्दी वेब दुनिया, 02 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090502115_1.htm
    94. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 3, (हिन्दी वेब दुनिया, 06 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090506059_1.htm
    95. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 4, (हिन्दी वेब दुनिया, 12 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090512081_1.htm
    96. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 5, (हिन्दी वेब दुनिया, 16 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090516053_1.htm
    97. सुखी जीवन के लिए क्रोध से बचें (हिन्दी वेब दुनिया, 15 मई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090515084_1.htm
    98. आतंकवाद को निर्मूल करने के लिए सर्व धर्म समभावः (रचनाकार, 31 मई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html
    99. विकास का रास्ता स्वयं बनाएँ (हिन्दी वेब दुनिया, 09 जून, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090609077_1.htm
    100. सुखी जीवन के लिए निष्कपटताः (हिन्दी वेब दुनिया, 26 जून, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090626025_1.htm
    101. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था - 01 (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जून, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090630054_1.htm
    102. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था – 02 (हिन्दी वेब दुनिया, 01 जुलाई, 2009)
    hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090701051_1.htm
    103. डॉ. उदयनारायण तिवारी (रचनाकार, 09 जुलाई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_09.html
    104. प्रज्ञा पुरुष परमानन्द भाई पटेल (रचनाकार, 11 जुलाई, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_1476.html
    105. क्या उत्तर-प्रदेश एवं बिहार हिन्दी भाषी राज्य नहीं हैं ? (रचनाकार, 08 सितम्बर, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_08.html
    106. हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय (रचनाकार, 22 अक्टूबर, 2009)
    हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय
    hindi.webdunia.com/miscellaneous/nri/.../22/1091022059_1.htm
    107. दुनिया में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा कौन (वेब दुनिया, 18 नवम्बर, 2009)
    दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन ...
    quest.webdunia.com/hindi/2/21536/question.html
    108. अध्यात्म एवं विज्ञानः (कर्मभूमि, वर्ष 2, अंक – 7, हिन्दी यू. एस. ए. की त्रैमासिक ई-पत्रिका, नवम्बर, 2009)
    karmabhoomiOct09.pdf
    http://hindiusa.org/index.php?option=com_docman&task=doc_download&gid=73
    109. खजुराहोः मिथुनाचार को अंकित करने वाली प्रतिमाएँ (रचनाकार, 04 दिसम्बर, 2009)
    www.rachanakar.org/2009/12/blog-post_04.html
    110. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010)
    www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html
    111. विश्व में हिन्दी की स्थिति (01 जनवरी, 2012)
    विश्व में हिंदी की स्थिति | kavita meri shaan
    nishtanish18.wordpress.com/.../विश्व-में-हिंदी-की-स्थिति/
    112. हिन्दी दिवस पर संदेश (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012)
    www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html
    113. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) (रचनाकार, 25 सितम्बर, 2012)
    www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_25.html
    114. गाँधी दर्शनः (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012)
    www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html
    115. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (दैनिक देशबंधु, 28 नवम्बर, 2013)
    http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/3363/10/0
    116. मुम्बई विद्यापीठ के कुलपति डॉ. मोरेश्वर दिनकर पराडकरः स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 19 जनवरी, 2013)
    www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_8717.html
    117. जयपुर में साहित्य महोत्सव के बहाने से रचनाकारों से सवालः (रचनाकार, 29 जनवरी, 2013)
    www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_29.html
    118. डॉ. जे. पी. शुक्ल – स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_13.html
    119. वसंत पंचमी का पर्व और विद्या की अधिष्ठात्रीः (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_15.html
    120. देश की राजनीतिः दशा और दिशा (प्रवक्ता, 13 मई, 2013)
    http://www.pravakta.com/the-countrys-politics-status-and-direction
    121. हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में कुछ विचार (प्रवक्ता, 20 जून, 2013)
    http://www.pravakta.com/reflections-in-relation-to-hindi-language
    122. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून, 2013)
    http://www.ugtabharat.com/
    123. “सेकुलर” अर्थात् धर्मनिरपेक्षता: लोकतंत्रात्मक दर्शन का मूल्य अथवा पूर्वाग्रह एवं विचारों की जकड़बंदी (रचनाकार, 11 जुलाई, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_11.html
    124. धर्मनिरपेक्षताः संवैधानिक मूल्य (प्रवक्ता, 14 जुलाई, 2013)
    http://www.pravakta.com/secular-ie-secularism-demonic-spirit-or-constitutional-value
    125. आधुनिकताः सार्वदेशिक प्रत्यय (प्रवक्ता, 22 जून, 2013)
    http://www.pravakta.com/adhunikta-universal-idea-suffix
    126. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून, 2013)
    http://www.ugtabharat.com/
    127. देश का भविष्य और विकासः (प्रवक्ता, 27 जुलाई, 2013)
    http://www.pravakta.com/the-countrys-future-development
    128. भवानी प्रसाद मिश्र (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html
    129. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_14.html
    130. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है; इसे उसके अपने ही घर में न तोड़ें (प्रवक्ता, 14 सितम्बर, 2013)
    http://www.pravakta.com/hindi-is-the-language-of-hindustan
    131. क्षमा (रचनाकार, 24 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/1.html
    132. मार्दव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2014)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/2_28.html
    133. आर्जव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/3_28.html
    134. सत्य (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/4.html
    135. शौच (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/09/5.html
    136. संयम (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/10/6.html
    137. तप (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/10/7.html
    138. त्याग (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/10/8.html
    139. आकिंचन्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/10/9.html
    140. ब्रह्मचर्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/2013/10/10.html
    141. कीचड़ को कीचड़ से साफ नहीं किया जा सकता (दैनिक देशबंधु, 07 अक्टूबर, 2013)
    http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4018/10/0
    142. तथाकथित साधुओं का पाखंड भरा आचरण (दैनिक देशबंधु, 15 अक्टूबर, 2013)
    http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4039/10/0
    143. भाजपा का सुशासन और शुचिता (दैनिक देशबंधु, 22 अक्टूबर, 2013)
    http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4055/10/0
    144. राजेन्द्र यादवः खट्टी मीठी यादें (रचनाकार, 31 अक्टूबर, 2013)
    http://www.rachanakar.org/
    145. भारत की राजनीति का भविष्यः (देशबंधु समाचार पत्र, देशबंधु अवकाश अंक, रविवार, 10 नवम्बर, 2013)
    146. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार: विश्व हिन्दी पत्रिका, पाँचवा अंक, विश्व हिन्दी सचिवालय, भारत सरकार व मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था, मॉरीशस (2013)
    147. प्रो॰एन॰ई॰विश्वनाथ अय्यर: स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 12 मार्च 2014)
    http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_12.html

     

  • समीक्षा:

    1. भाषा और भाषिकी - डॉ. देवीशंकर द्विवेदी की भाषा शास्त्र की पुस्तक: हिन्दुस्तानी, भाग 26, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद (जुलाई-दिसम्बर, 1965)
    2. जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज - डॉ. जगदीशचन्द्र जैन:
    माध्यम, वर्ष-5, अंक 11, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1969)
    3. कविवर बनारसीदास - डॉ. रवीन्द्र कुमार जैन का शोध-प्रबंध:
    साहित्य संदेश, आगरा (1969)
    4. मेरा धर्म: केन्द्र और परिधि - आचार्य तुलसी: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
    5. नैतिकता का गुरुत्वाकर्षण - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
    6. तट दो प्रवाह एक - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
    7. व्यंग्य सतसई - मिश्रीलाल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
    8. प्रेमचन्द के उपन्यासों का शिल्प-विधान - डॉ. कमल किशोर गोयनकाः
    (वीणा, वर्ष- 48, अंक 4 – 5, मध्य भारत हिन्दी समीति, इन्दौर (1975)
    9. बघेली भाषा और साहित्य – डॉ. भगवती प्रसाद शुक्लः प्रकर, वर्ष 11,
    अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979)
    10. भारतवर्ष की भाषा समस्या - डॉ. रामविलास शर्मा: प्रकर, वर्ष 11, अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979)
    11. शैली विज्ञान और प्रेमचन्द की भाषा - डॉ. सुरेश कुमार का शोध प्रबन्ध: प्रकर, वर्ष 12, अंक 1, दिल्ली (जनवरी, 1980)
    12. नर्मदा का नरम कंकर - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की काव्य कृति: युगधर्म, जबलपुर (मार्च, 1989)

    भूमिकाः

    13. मुक्ति पथ का राही - डॉ. विमला जैन की नाट्य कृति, जैन पुस्तक भवन, कलकत्ता (1981)
    14. काव्यांजलि - डॉ. शकुन्तला चैधरी की काव्य कृति, प्रसाद प्रकाशन, जबलपुर (1992)
    15. हिन्दी रीडर - भाग एक से भाग चार, विकास पब्लिशिंग हाउस प्रा0 लि0, नई दिल्ली (1995-1996)
    16. प्रेम की पुकार: रमाकान्त महन्त का काव्य संकलन, उत्कल साहित्य परिषद् प्रकाशन, उड़ीसा (1997)
    17. अनुभूति: डॉ. सत्या सक्सेना का काव्य संग्रह, जयपुर हाउस, आगरा (2003)
    18. अन्तर्यात्रा: श्री कांति भाई पटेल के निबंधों का संकलन, आगरा (2006)
    19. पत्रकारिता के क्षितिज – डॉ. सतीश शर्मा जाफरावादी एवं डॉ. अर्जुन सिंह शिशौदिया द्वारा सम्पादित, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली (2011)

    आमुख:

    केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से प्रकाशित ग्रन्थों का आमुख लेखन:
    20. प्रयोजन मूलक हिन्दी व्याकरण - रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव एवं शारदा भसीन, द्वितीय संशोधित संस्करण (1992)
    21. मनोभाषा विज्ञान - पुष्पा श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण (1992)
    22. बालक में भाषा का विकास - सुगन भाटिया, द्वितीय संस्करण (1993)
    23. समसामयिकता और आधुनिक हिंदी कविता - डॉ. रघुवंश, द्वितीय संस्करण (1993)
    24. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम - अमर बहादुर सिंह (संपा0), श्रीशचंद जैसवाल व भारत भूषण (ले0) चतुर्थ संस्करण (1993)
    25. गवेषणा, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव स्मृति अंक, अंक 63-64 (1994)
    26. अद्यतन हिंदी साहित्य: एक परिप्रेक्ष्य - रमासूद व कृष्ण गोपाल कपूर, प्रथम संस्करण (1995)
    27. भाषा अधिगम - मनोरमा गुप्त, द्वितीय संशोधित संस्करण (1995)
    28. हिन्दी काव्य संग्रह - रामवीर सिंह, हेमा उप्रेती व मीरा सरीन (संपा0), तृतीय संशोधित संस्करण (1996)
    29. संपर्क भाषा हिन्दी: विविध आयाम - सुरेश कुमार व ठाकुरदास, (1996)
    30. हिंदी शिक्षण का इतिहास और विकास - रामलाल वर्मा, प्रथम संस्करण (1996)
    31. आधुनिक कहानी संग्रह - सरोजिनी शर्मा (संपा0) (1996)
    32. प्रशासनिक पत्राचार - सुरेश कुमार (संपादक), ठाकुरदास व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक) (1997)
    33. हिंदी रूपांतरणात्मक व्याकरण के कुछ प्रकरण - यमुना काचरू, द्वितीय संस्करण (1997)
    34. हिंदी की आधारभूत शब्दावली - वी0रा0 जगन्नाथन, तृतीय संस्करण (1997)
    35. साहित्य में बाह्य प्रभाव: भारतीय साहित्य के परिप्रेक्ष्य में, द्वितीय संस्करण (1997)
    36. हिंदी-मिजो अध्येता कोश - अमर बहादुर सिंह व रविप्रकाश श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण (1997)
    37. माध्यमिक स्तरीय पाठ्य-पुस्तक-दो: निर्माण एवं संकलन - शम्भुनाथ पाण्डेय, सम्पादन-अमर बहादुर सिंह, पुनर्सम्पादन-सरोजिनी शर्मा, संशोधित संस्करण (1997)
    38. अनुवाद और पारिभाषिक शब्दावली - सुरेश कुमार (संपादक), सुरेश कुमार, ललित मोहन बहुगुणा व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक) प्रथम संस्करण (1997)
    39. व्यावहारिक हिंदी व्याकरण और वार्तालाप- चतुर्भुज सहाय व अरूण चतुर्वेदी, प्रथम संस्करण (1998)
    40. नाच मेरी गुड़िया (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
    41. आओ मिलकर गाएँ (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
    42. उगता सूरज खिलती कलियाँ (हिंदी के बालगीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
    43. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-एक)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण (1998)
    44. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-दो)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण (1999)
    45. मानक हिंदी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-एकः सैद्धान्तिक उपागम)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
    46. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम (बैंकिंग शब्दावली सहित) - पंचम संशोधित सं0, प्रथम संस्करण से चतुर्थ संस्करण के सम्पादक - अमर बहादुर सिंह, लेखक - श्रीशचन्द्र जैसवाल एवं भारत भूषण, पंचम संशोधित संस्करण के सम्पादक - कृष्ण कुमार गोस्वामी, निर्माण में सहयोगी-पुष्पा बूलचंदानी, सुनीता शर्मा, आशुतोष शुक्ल (1999)
    47. आधुनिक निबन्ध संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण (1999)
    48. आधुनिक एकांकी संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण (1999)
    49. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-2: शिक्षण एवं प्रविधि)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
    50. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड- तीनः समस्याएँ एवं समाधान) मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
    51. विश्व भाषा हिंदी – महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), वशिनी शर्मा (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
    52. व्यावहारिक हिन्दी संरचना और अभ्यास - महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), चतुर्भुज सहाय व अरुण चतुर्वेदी (सम्पादक), रामलाल वर्मा, अरुण चतुर्वेदी व राजबली पाठक (लेखक), तृतीय संशोधित संस्करण (1999)
    53. महादेवी का काव्य, कला और दर्शन - रश्मि दीक्षित, प्रथम संस्करण (1999)
    54. शैली और शैली विज्ञान - सुरेश कुमार (2000)
    55. भाषा सेतु (मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत भाषा संस्थानों/संस्थाओं की गतिविधियों की पत्रिका का प्रवेशांक) - महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), ठाकुरदास (सम्पादक), वशिनी शर्मा (सहसम्पादक), रश्मि दीक्षित (सहायक सम्पादक), आशुतोष शुक्ल (सम्पादन सहयोग) (20000)
    56. भारतीय बहुभाषिक परिवेश और हिन्दी: समाज भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (भारत व्यापी हिन्दी के स्वरूप के सर्वेक्षण पर आधारित परियोजना का प्रतिवेदन)

सेमीनार, कार्यशालाओं में भागीदारी:

प्रोफेसर जैन ने सन् 1964 ई. से निरन्तर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की संगोष्ठियों, सम्मेलनों तथा कार्यशालाओं में भाग लिया। प्रोफेसर जैन ने 18 देशों का भ्रमण कर वहाँ की संस्थाओं में हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति सम्बन्धित विषयों में व्याख्यान दिये। प्रोफेसर जैन ने संगोष्ठियों एवं वार्षिक अधिवेशनों की अध्यक्षता की अथवा उनमें प्रमुख अतिथि के रूप में उद्घाटन भाषण/मुख्य व्याख्यान दिया।

पुरस्कार एवं अलंकरणः

  • उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य साहित्यिक पुरस्कार

  • भारतीय शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा परिषद् की सर्वोच्च मानद उपाधि (साहित्य वाचस्पति) से लखनऊ में अलंकृत

  •  American Biographical Institute द्वारा 'International Cultural Diploma of Honor' से अलंकृत

  • डॉक्टर भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा भाषा एवं संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए आगरा में ब्रज विभूति सम्मान से अलंकृत

  • भारतीय राजदूतावास, बुकारेस्त (रोमानिया) द्वारा बुकारेस्त विश्वविद्यालय में हिन्दी शिक्षण में योगदान के लिए स्वर्ण-पदक से अलंकृत

सम्मानः

  1. आन्ध्र प्रदेश हिन्दी प्रचार सभा , हैदराबाद

  2. भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली

  3. असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति गोवाहाटी

  4. केरल हिन्दी प्रचार सभा तिरुवनंतपुरम्

  5. विशाखा हिन्दी परिषद् विशाखापत्तनम्

  6. चैन्नई की हिन्दी की संस्थाओं द्वारा दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, चैन्नई में सम्मानित

  7. मणिपुर हिन्दी परिषद, इम्फाल

  8. प्रमुख भाषाविद्, साहित्य मनीषी, भारतीय संस्कृति के पुरोधा, विद्वद्वरेण्य, सर्वधर्म समभाव के पक्षधर, पूर्वाग्रह-विग्रह-विरहित, माननीय प्रोफेसर (डॉ.) महावीर सरन जैन का आगरा में नागरिक सम्मान

  9. विश्व हिन्दी न्यास (अमेरिका) द्वारा अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के फ्रीमाण्ट में सम्मान।

शोध निर्देशन: प्रोफेसर जैन के निर्देशन में 4 शोधकर्ता डी.लिट् की तथा 11 शोधकर्ता पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं।
 

ग्रन्थ एवं पुस्तकें:

(1) विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत (निबन्धों का संकलन): - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1965)
(2) अन्य भाषा शिक्षण (Second Language Teaching): - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1966)
(3) बुलन्दशहर एवं खुर्जा तहसीलों की बोलियों का संकालिक अध्ययन (ब्रजभाषा एवं खड़ी बोली का संक्रान्ति क्षेत्र): - हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1967)
(4) परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक अध्ययनः (Phonemic Study of Standard Hindi) - लोक भारती, इलाहाबाद (1974)
(5) परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययनः (Morphemic Study of Standard Hindi) -लोक भारती, इलाहाबाद (1967)
(6) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व परीक्षणः (1978)
(7) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पश्चात् परीक्षणः (1978)
(8) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व एवं पश्चात् परीक्षण: (1978)
(9) हिन्दी ब्रिज कोर्स-परीक्षण (अध्यापक पुस्तिका): ( (1978)
(10) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवणबोधनः (1978)
(11) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (क): (1978)
(12) हिन्दी ब्रज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (ख): (1978)
(13) हिन्दी ब्रज कोर्स-पठन बोधन: (1978)
(14) हिन्दी ब्रिज कोर्स-निर्देशित निबंध-लेखन: (1978)
(15) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (अंग्रेजी से हिन्दी (1978)
(16) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (हिन्दी से अंग्रेजी (1978)
(17) हिन्दी ब्रिज कोर्स-अध्यापक निर्देश पुस्तिकाः (1978)
(18) आवरण के परे: 1.क्षमा 2. मार्दव 3.आर्जव 4. सत्य 5. शौच 6. संयम 7. तप 8. त्याग 9. आकिंचन्य 10. ब्रह्मचर्य -- श्री दि. जैन सभा, जबलपुर (1979)
(19) सूरदास एवं सूर सागर की भाव योजना: - मदनमहल ज.स्ट., जबलपुर (1982)
(20) गद्य सुषमाः (सम्पादन) - मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1983)
(21) भाषा एवं भाषा विज्ञान: -लोक भारती, इलाहाबाद (1985)
(22) विश्व शान्ति एवं अहिंसा: - श्री अखिल भारतीय जैन विद्वत्परिषद् एवं सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर (ज्ञान-प्रसार पुस्तक माला क्रमांक-72 (अक्टूबर, 1990)
(23) हिन्दीः रचना और प्रयोग: (सम्पादन) मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1992)
(24) विश्व चेतना तथा सर्वधर्म समभाव: - वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली (1996)
(25) भगवान महावीर एवं जैन दर्शन: -लोक भारती, इलाहाबाद (2006)
Bhagwan Mahaveer Jeevan Aur Darshan (books.google.com/books?isbn=8180310809
Mahaveer Saran Jain – 2006)
(26)Antiquity of Jainism (http://www.scribd.com/doc/22566494/Antiquity-of-Jainism)
(27) The Essence of Dharma The Essence of Dharma(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22538183/The-Essence-of-Dharma
(28) हिन्दी-उर्दू http://www.scribd.com/doc/22142436/Hindi-Urdu
(29) हिन्दी की अंतरराष्ट्रीय भूमिका
http://www.scribd.com/doc/22573933/Hindi-kee-antarraashtreeya-bhoomikaa
(30) संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी
Hindi should be a UNO language(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22142721/Hindi-should-be-a-uno-language
(31) भगवान श्री कृष्ण
http://www.scribd.com/doc/105305790/Shree-Krishna
(32) हिन्दी भाषा-क्षेत्र
http://www.scribd.com/doc/105906549/Hindi-Divas-Ke-Avasa
(33) गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता
http://www.hindi.mkgandhi.org/article/GandhiDarshanKeePraasangikataa.pdf
http://www.scribd.com/doc/108950780/Gandhee-Darshan-Kee-Praasangikataa
(34) भाखा बहता नीर
http://www.scribd.com/doc/110501224/Bhakhaa-Bahataa-Neer
(35) भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ
http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages
(36) भारोपीय भाषा-परिवार
http://www.scribd.com/doc/120501020/The-Indo-European-Fa
(37) भारत की भाषाएँ
http://www.scribd.com/doc/111370112/Languages-of-India
(38) भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता
http://rachanakar.blogspot.com/2009/09/blog-post_20.html
http://www.scribd.com/doc/22141758/Hindi-bahubhaashikataa
(39) भगवान शिव एवं शैव दर्शन
http://www.scribd.com/doc/133662684/Lord-Shiva-and-Shai
(40) स्वामी विवेकानन्द
http://www.scribd.com/doc/159750362/Swami-Vivekananda
(41)दशलक्षण धर्म
http://www.scribd.com/doc/170828415/Daslakshan-Dharma-or-ten-virtues-दश-लक्षण-धर्म
(42) हिन्दी की अन्तर-क्षेत्रीय, सार्वदेशीय एवं अन्तरराष्ट्रीय भूमिका :http://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_8861.html
(43) कर्म सिद्धांत का सामाजिक संदर्भः
http://www.jainlibrary.org/elib_master/article/210000_article_hindi/Karm_aur_Samajik_Sandarbh_229891.pdf
(44) The Doctrine of Karma in Jain Philosophy
http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353
(45) The Path to Attain Liberation in Jain Philosophy
http://www.scribd.com/doc/219047226/The-Path-to-Attain-Liberation-in-Jain-Philosophy
(46) Bhagwaan Mahaveer Evam Jain Darshan
Original Title: भगवान महावीर एवं जैन दर्शन
Bhagwaan Mahaveer Evam JainDarshan (English Translation: Dr. Pradyumna Shah Singh
Punjabi University, Patiala, India) http://www.herenow4u.net/index.php?id=98353
अन्य साहित्यिक उपलब्धियाँ: 

राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा के अखिल भारतीय स्वरूप की पहचान स्थापित करने, अखिल भारतीय व्यवहार तथा भारत की सामासिक संस्कृति की संवाहिका के रूप में इसका प्रचार-प्रसार करने एवं हिन्दी भाषा के साहित्य के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्यों का उच्चतर अध्ययन सम्पन्न करने तथा इन कार्यों के माध्यम से भारत की राष्ट्रीय एकता एवं एकीकरण में हिन्दी की भूमिका को सार्थक एवं सुदृढ़ रूप से विकसित करने हेतु प्रोफेसर जैन ने अनेक परियोजनाओं पर स्वयं कार्य किया है तथा अपने सहयोगियों/संस्थाओं को कार्य करने की प्रेरणा प्रदान की है।

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशों में हिन्दी भाषा तथा उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना एवं उसके मूल्यों को प्रसारित करने की दिशा में प्रोफेसर जैन ने विभिन्न दिशाओं में कार्य सम्पन्न किए हैं। विश्व की भाषाओं की रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूनेस्को ने हिन्दी की सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया (पत्र दिनांक 13.07.1998)। भारत सरकार ने इस दायित्व के निर्वाह का कार्यभार केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर महावीर सरन जैन को सौंपा। प्रोफेसर जैन ने जो रिपोर्ट भेजी उससे यह सिद्ध हुआ कि प्रयोक्ताओं की दृष्टि से विश्व में चीनी भाषा के बाद दूसरा स्थान हिन्दी भाषा का है।

[Words and Worlds: World Languages Review: Felix Marti, Jan 1, 2005 - 328 pages