
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
तेलुगुभाषी हिंदी लेखिका।
जन्म : चेन्नई
शिक्षा : एम.ए.(हिंदी, स्वर्ण पदक), एम.फिल. (हिंदी, स्वर्ण पदक), पीएच.डी. (हिंदी), स्नातकोत्तर हिंदी अनुवाद डिप्लोमा, स्नातकोत्तर हिंदी पत्रकारिता डिप्लोमा, पी.जी.डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नॉलाजी।
भाषाएँ : मातृभाषा : तेलुगु
भाषा ज्ञान : हिंदी, तेलुगु, तमिल और अँग्रेज़ी
संपादन :
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तेलुगु - हिंदी (द्विभाषी) साहित्यिक पत्रिका ‘स्रवंति’ के संपादन से संबद्ध (2008 से)।
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भाषा, साहित्य और विचारों की मासिक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘भास्वर भारत’ के सहायक संपादक (2012-13)।
प्रकाशन :
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‘तेलुगु साहित्य : एक अवलोकन’ (समीक्षात्मक निबंध संकलन, 2012, ISBN : 978-93-80042-53-4)
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प्रकाशनाधीन पुस्तकें : अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की व्यवहारिक परख
संपादित पुस्तकें :
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भाषा की भीतरी परतें (भाषाचिंतक प्रो।दिलीप सिंह अभिनंदन ग्रंथ (2012, वाणी प्रकाशन)
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मेरी आवाज (2013, सदस्य - संशोधक मंडल एवं अनुवादक मंडल)
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के.एस.तूफ़ान का दलित विमर्श : ‘टूटते संवाद’ का विशेष संदर्भ (2014, परिलेख प्रकाशन)
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उत्तरआधुनिकता : साहित्य और मीडिया’ (2014, प्रकाशनाधीन)
अनुवाद समीक्षा पर विशेष अध्ययन और शोध :
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‘कुरुक्षेत्र : अंग्रेज़ी अनुवाद की समीक्षा’ (एम.फिल.)
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‘श्रवण कुमार कृत उपन्यास ‘प्रेत’ : अंग्रेज़ी अनुवाद का संदर्भ’ (पीएच. डी.)।
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पुस्तक समीक्षा, कविता, निबंध और संस्मरण लेखन।
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हिंदी में तेलुगु साहित्य विषयक लेखन के लिए चर्चित।
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विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं 100 से अधिक शोध पत्र और समीक्षाएँ प्रकाशित।
सम्मान :
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आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी का ‘तेलुगुभाषी युवा हिंदी लेखक’ पुरस्कार (2012)।
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तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी का साहित्य सेवी सम्मान (2014)।
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परिलेख हिंदी साधक सम्मान (2014)।
संप्रति : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (मद्रास) के विश्वविद्यालय विभाग, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के हैदराबाद परिसर में 2007 से प्राध्यापन एवं शोध निर्देशन में व्यस्त।
शोध निर्देशन :
पीएच.डी. -
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श्रीलाल शुक्ल के साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन (संपन्न)
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नई शती की हिंदी–तेलुगु कविता में विद्रोही चेतना (संपन्न)
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नई शती की कहानियों में अल्पसंख्यक विमर्श (मुस्लिम समाज के विशेष संदर्भ में (संपन्न)
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कमल कुमार के कथा साहित्य में सामाजिक यथार्थ (संपन्न)।
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संजीव की कहानियों में सामाजिक यथार्थ और कथाभाषा (जारी)
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प्रयोजनमूलक हिंदी के विकास में टेलिविजन का योगदान (जारी)
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विष्णु प्रभाकर के नाटकों की चेतना भूमि (जारी)
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विश्वनाथ सत्यनारायण कृत ‘वेयिपडगलु’ का हिंदी अनुवाद ‘सहस्रफण’ की अनुवाद समीक्षा (जारी)
एम.फिल. -
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रामदरश मिश्र की कहानियों में ग्राम चेतना (संपन्न)।
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रामदरश मिश्र के उपन्यास ‘जल टूटता हुआ’ में आंचलिकता (संपन्न)
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महुआ माजी के उपन्यास ‘मैं बोरिशाइल्ला’ में स्त्री विमर्श (संपन्न)
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हरिशंकर परसाई के निबंधों में व्यक्तित्व और वैचारिकता (संपन्न)
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उषा प्रियंवदा के कहानी संग्रह ‘एक कोई दूसरा नहीं’ में वस्तु और शिल्प (संपन्न)
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राजेंद्र अवस्थी की कहानियों में आधुनिकताबोध (संपन्न)
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अमरकांत के उपन्यास ‘सूखा पत्ता’ में आधुनिकताबोध (संपन्न)
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कमलेश्वर के कहानी संग्रह ‘देश-परदेश’ में चित्रित सामाजिक समस्याएं (संपन्न)
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श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास ‘राग दराबारी’ में राजनैतिक चेतना (संपन्न)।
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क्षमा शर्मा के कहानी संग्रह ‘रास्ता छोड़ो डार्लिंग’ में मध्यवर्ग (संपन्न)।
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माधवी कुट्टी कृत मलयालम उपन्यास ‘वंडीकालकल’ का हिंदी अनुवाद (संपन्न)
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विश्वनाथ अय्यर के ललित निबंधों में दक्षिण भारत की झलक (संपन्न)
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हिंदी ब्लॉगिंग में महिला ब्लॉगरों का योगदान (संपन्न)।
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नीलम कुलश्रेष्ठ के कहानी संग्रह ‘हेवेनली हेल’ में स्त्री विमर्श (संपन्न)।
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पुनर्जागरण के संदर्भ में बालकृष्ण भट्ट कृत ‘निबंधों की दुनिया’ का अनुशीलन (संपन्न)।
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सिम्मी हर्षिता के उपन्यास ‘जलतरंग’ में स्त्री विमर्श (संपन्न)।
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अलका सरावगी के उपन्यास ‘एक ब्रेक के बाद’ में मीडिया विमर्श (संपन्न)।
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मृदुला गर्ग के उपन्यास ‘मिलजुल मन’ में स्त्री जीवन के विविध संदर्भ (संपन्न)।
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विष्णु प्रभाकर के उपन्यास ‘अर्द्धनारीश्वर’ में स्त्री विमर्श (संपन्न)।
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मधुकर सिंह के उपन्यास ‘बाजत अनहद ढोल’ में आदिवासी विमर्श (संपन्न)।
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के.एस.तूफ़ान का दलित विमर्श : ‘टूटते संवाद’ का विशेष सन्दर्भ (संपन्न)।
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मनोज सिंह के उपन्यास ‘कशमकश’ में स्त्री विमर्श (संपन्न)।
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आंध्र प्रदेश की साहियिक पत्रकारिता में ‘पुष्पक’ का योगदान (संपन्न)।
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मुदिगोंडा शिवप्रसाद कृत तेलुगु उपन्यास ‘रेजिडेंसी’ के हिंदी अनुवाद का मूल्यांकन (संपन्न)।
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असगर वजाहत के कहानी संग्रह ‘डेमोक्रेसिया’ में समकालीनता बोध और व्यंग्य (संपन्न)।
सदस्य :
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सदस्य, आनंदऋषि साहित्य पुरस्कार की चयन समिति 2011 से
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मूल्यांकनकर्ता, गीतादेवी गोइन्का हिंदी-तेलुगु अनुवाद पुरस्कार 2013
ब्लॉग :
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saagarika.blogspot.in
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srawanti.blogspot.in
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hyderabadse.blogspot.in
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profdilipsingh.blogspot.in
लेखक की कृतियाँ
- पुस्तक समीक्षा
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- उत्तर आधुनिकता, साहित्य और मीडिया पर एक उपयोगी पुस्तक - अमन कुमार
- कविता के पक्ष में प्रबल दावेदारी
- चित्रा मुद्गल की कहानियों का सांगोपांग अध्ययन
- जो कविता है! - प्रो. गोपाल शर्मा
- तेलुगु भाषा और साहित्य की समग्र झाँकी : गोपाल शर्मा
- दक्षिण भारत के हिंदी शोध की बानगी : ‘संकल्पना’ - अरविंद कुमार सिंह
- देश-दुनिया के 'सवाल' और पत्रकारिता के 'सरोकार'
- प्रवासी कथाकार देवी नागरानी की मूल्य चेतना
- मुक्तिबोध जन्म शती पर हैदराबाद की पहल - डॉ. मंजु शर्मा
- यथार्थ की खूँटी पर सपनों का आकाश
- वृद्धावस्था
- हिंदी भाषा के बढ़ते कदम
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