विज्ञानकु: होमी भाभा

15-07-2021

विज्ञानकु: होमी भाभा

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 185, जुलाई द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

लंबी न सही
ज़िंदगी हो सार्थक
लक्ष्य हो यही।
 
जितना जियूँ
कोशिश होगी मेरी
सक्रिय रहूँ।
 
बनाऊँगा मैं
स्वयं के लिए राह
अ या ब नहीं।
 
भ्रमित न मैं
क्या करना है मुझे
जानता हूँ मैं।
 
करें मनन
ये होमी जे भाभा के 
सार वचन। 

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