विज्ञानकु: अनुभव 

15-08-2021

विज्ञानकु: अनुभव 

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

आदर करें
शिक्षकों से न डरें
सवाल करें।
 
आदमी न वो
दूसरों की पीड़ा को
समझे न जो।
 
नया न मिले
कभी उसे जो तय
रास्तों पे चले।
 
छू न पायेंगे
कभी इंद्रधनुष
व्यर्थ कोशिश।
 
दुःखद तब
न पढ़े वैज्ञानिक
कविता जब।
 
जो सर्वोत्तम
उत्तर नहीं मानें
उसे अंतिम।
 
विज्ञान फले
प्रश्नों के लिए जहाँ 
द्वार हों खुले।

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