आज का दिन ,
सबसे
उदास दिन,
कोई रंग नहीं
जीवन की
सुगंध नहीं।
यह दिन
गुज़रा है,
पास से
ऐसे,
गुज़रता है,
राह में
अनजान मुसाफिर जैसे।
सब धुआँ-धुआँ
सा लगता है,
रेत में तूफ़ां जैसे।
काटे नहीं कटा
ये दिन,
लगा युगों के जैसे।