तूने तपस्या अपनी तरह की
मैंने तपस्या अपनी तरह की,
यह भी सच है कि पेड़ के नीचे नहीं की,
यह भी सच है कि हिमालय में नहीं की,
यह भी सच है कि गुफा में नहीं की,
यह भी सच है कि कन्दरा में नहीं की,
यह भी सच है कि मन्दिर में नहीं की,
यह भी सच है कि तीर्थ पर नहीं की,
यह भी सच है कि भूखे पेट नहीं की,
यह भी सच है कि प्यासे नहीं की।
मैंने तप किया
किसी को मन में रख कर
किसी के मन में रह कर।