तुम मुझ में

15-05-2021

तुम मुझ में

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 181, मई द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

वक़्त की दौड़ में
वक़्त की होड़ में
सब कुछ
बहता चला जा रहा है।
सिवाए मेरे हृदय में
खनखनाती हुई तेरी
स्थिर यादों के।
 
वक़्त के शोर में
वक़्त के हिलोर में
सब जगह
खामोशी का एक सन्नाटा
बिखरे जा रहा है।
सिवाए मेरे अंतर्मन में
तेरी गुनगुनाती यादों के।

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