तितली, क्यों शरमाती?
डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'इस डाली से उस डाली पर,
नाच रही है तितली रानी।
रंग - बिरंगी पंखों वाली,
मन बहलाती तितली रानी॥
फुर-फुर कर बगिया में आती,
हँसती, इतराती - मुस्काती।
देख हमें झट से उड़ जाती,
जाने हमसे क्यों शरमाती॥