तिरंगा (त्रिलोक सिंह ठकुरेला)

15-01-2020

तिरंगा (त्रिलोक सिंह ठकुरेला)

त्रिलोक सिंह ठकुरेला (अंक: 148, जनवरी द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

जन-गण-मन का मान तिरंगा।
हम सब की पहचान तिरंगा॥


भरता नया जोश केसरिया 
कहता उनकी अमिट कहानी,
मातृभूमि हित तन मन दे कर 
अमर हो गए जो बलिदानी,


वीरों का सम्मान तिरंगा।
हम सब की पहचान तिरंगा॥


श्वेत रंग सबको समझाता 
सदा सत्य ही ध्येय हमारा,
है कुटुंब यह जग सारा ही 
बहे  प्रेम की अविरल धारा,


मानवता का गान तिरंगा।
हम सब की पहचान तिरंगा॥


हरे रंग की हरियाली से 
जन जन में ख़ुशहाली छाए,
हो सदैव धन धान्य अपरिमित 
हर ऋतु सुख लेकर ही आए,


अमित सुखों की खान तिरंगा।
हम सब की पहचान तिरंगा॥


कहता चक्र कि गति जीवन है,
उठो, बढ़ो, फिर मंज़िल पाओ,
यदि बाधाएँ आयें  पथ में,
वीर, न तुम मन में घबराओ, 

साहस का प्रतिमान तिरंगा।
हम सब की पहचान तिरंगा॥

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