ठाकुर का घर / अछूत कन्या!

01-06-2021

ठाकुर का घर / अछूत कन्या!

वंदना कुमार (अंक: 182, जून प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

महामारी ही वापस ले आओ 
उस ख़तरनाक दौर की महामारी 
 
सब एक एक कमरा बंद करलें 
घर के अंदर रहें 
ठाकुर भी 
उसके जवान बेटे भी 
 
ऐसी महामारी 
जिस का कोई उपाय ना हो 
जिस मर्ज़ का नब्ज़ विज्ञान से परे हो 
जिस लॉकडाउन का अनलॉकडाउन 
दूर दूर तक ना दिखे 
 
ख़ौफ़ उस चौधरी में रहा नहीं
ना शासन का 
ना वर्दी वाले का 
ना कोर्ट के काग़ज़ का 
 
तो ख़तरनाक महामारी का ख़ौफ़ 
मौत का ख़ौफ़ ही सही 
कुछ महीनों के लिए सही 
दलित का ख़ौफ़ 
 
नपुंसक सरकार भी डरे 
और दलित वैसे ही आधा मरा प्राणी 
महामारी के दौर में 
खुली हवा में 
कुछ पल के लिए 
महफ़ूज़ रहे

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में