तन्हाई (समीर लाल ’समीर)
समीर लाल 'समीर'दीवार पे टंगी उस तस्वीर पे
मेरी नज़र जब जाती है
यादें हैं बरसों पहले की
मेरी आँख भर आती है
तन्हाई देख मेरे जीवन की
वो इतना घबराती है
धूल की परतों के पीछे
जा कर वो छुप जाती है।
दीवार पे टंगी उस तस्वीर पे
मेरी नज़र जब जाती है
यादें हैं बरसों पहले की
मेरी आँख भर आती है
तन्हाई देख मेरे जीवन की
वो इतना घबराती है
धूल की परतों के पीछे
जा कर वो छुप जाती है।