तन्हा नहीं कटते
एकता नाहरतन्हा नहीं कटते
ज़िन्दगी के रास्ते,
हमसफ़र किसी को
तो बनाना चाहिए था
शब के अँधेरे
गहरे थे बहुत,
मेरे लिए चिराग किसीको
तो जलाना चाहिए था
रोते हुए दिल की बात
वो समझ ना सके,
शायद आँखों को भी
आँसू गिराना चाहिए था
यूँ ही ऐतबार कर बैठे
एक अजनबी पर हम,
एक बार तो उस शख़्स को
आज़माना चाहिए था