सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम

15-06-2021

सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम

अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श’ (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

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सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम
बनो तो मिरी शोअरा तुम
 
ये सोना ये चाँदी ये हीरा
है खोटा मगर हो खरा तुम
 
तिरा ज़िक्र हर बज़्म में है
सभी ज़िक्र से मावरा तुम
 
मिरी कुछ ग़ज़ल तुम कहो अब
ख़बर है हो नुक्ता-सरा तुम
 
मिलो भी कभी घर पे मेरे
करो चाय पर मशवरा तुम
 
थी ये दोस्ती कल तलक ही
हो अब 'अर्श' की दिलबरा तुम

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