सुबह से रात

01-08-2019

सुबह से रात

सुनील चौधरी

सुबह से शाम तक 
इन पहाड़ों पर 
खड़े देवदार 
कहीं छुप गए हैं
इस काली
स्याह अँधेरी रात में
सिर्फ़ पीछे 
नीले आकाश में
टिमटिमा रहे हैं
नन्हे तारे
सुनाई दे रहा है 
सरस्वती का मंद स्वर
पीछे कहीं दूर
पहाड़ी के पार
बज रहा है
भजन
घरों की टिमटिमाने
लगी हैं
लाल, हरी, पीली लड़ियाँ
अब सो जा दोस्त
कसोल में रात होने
लगी है।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें