शेष शुभ

01-07-2021

शेष शुभ

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 184, जुलाई प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

प्रिय मानुष

कुशलोपरांत समाचार है कि तुम्हारी माँ विगत तीन महीने से बिस्तर पर हैं, मेरी कमर में दर्द है फिर भी मैं उसकी देखभाल कर रहा हूँ। मुझे मालूम है तुम विदेश से नहीं आ सकते; मजबूर हो तुम्हारा घर है बच्चें हैं; कामकाज के कारण बहुत व्यस्तता है।

तुम्हारी व्यस्तता को देख कर मैंने हम दोनों की अंतिम यात्रा का प्रबंध कर लिया है, कुछ दिन बाद गया जाकर अपना और तुम्हारी माँ का पिंडदान और करना है; बाक़ी हम लोगों के मरने के बाद ये प्रॉपर्टी बेच देना।

तुम्हारी माँ पूछ रही है समय पर खाना तो खाते हो तुम न।

शेष शुभ

सदा ख़ुश रहो

— बाबूजी

2 टिप्पणियाँ

  • 15 Jun, 2023 10:43 AM

    शेष शुभ? रुला दिया आपने! पर इस सच के लिए सबको तैयार रहना है!

  • शेष शुभ, लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आदरणीय डॉक्टर सुशील शर्मा जी

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