मिल-जुल कर हम साथ रहें
तुम ऐसी हममें शक्ति भरो
मिल जाएँ भगवान हमें भी
ऐसी हममें भक्ति भरो
मिटा सकूँ यह घोर अँधेरा
अज्ञानता का जो है डेरा
ज्ञान प्रकाश जग में फैलाऊँ
हर मानव को राह दिखाऊँ
कर पाऊँ कल्याण देश का
ऐसी हममें युक्ति भरो
मिल जाएँ भगवान हमें भी
ऐसी हममें भक्ति भरो
सद्गुण सभ्य समाज गढ़े हम,
सबको लेकर साथ बढ़े हम
विश्व बन्धुत्व का भाव जगाएँ,
नव मानवता को अपनाएँ
हर प्राणी से प्रेम करें
ऐसी हममें अनुरक्ति भरो
मिल जाएँ भगवान हमें भी
ऐसी हममें भक्ति भरो