सावन में शिव भक्तों को समर्पित

01-09-2021

सावन में शिव भक्तों को समर्पित

सरोजिनी पाण्डेय (अंक: 188, सितम्बर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

वर्षा की बूँदों ने जब 
सावन की याद दिलाई
मन में मेरे कुछ प्रश्नों की 
एक बदरी ही घिर आई,
 
इस मोहक मास के आते ही 
जनमानस शिव को मनाता है
क्या है विशेष जो शंकर को 
यह सावन मास सुहाता है?
 
समझाया मुझको प्रज्ञा ने 
वर्षा पा प्रकृति विहँसती है,
आश्चर्य भला इसमें कैसा, यह 
ऋतु शिव को प्रिय लगती है।

यह भोला आदिदेव शंकर 
सर्वोच्च प्रकृति संरक्षक है
पर्वत निवास आभरण सर्प 
वन की बूटी ही भोजन है
 
जल का आदर करने को ही 
गंगा को शीश चढ़ाया है
नभ-वायु प्रदूषित हो न जाएँ, 
सो चंद्र मुकुट बनवाया है,
 
हम पूजा शिव की करते हैं, 
पर भक्ति भाव को भूल गए, 
संदेश दिया शंकर ने  जो 
समझा न उसे, हम चूक गए।
 
पर्वत ने अपनी पुत्री दे उसको, 
निज पुत्र बना डाला
उस पर्वत को तोड़ा हमने, 
क्या पड़ा बुद्धि पर है ताला?
 
जिसका घर नष्ट किया जाता, 
क्या क्रोध ना उसको आएगा,
निज गृह की रक्षा करने को, 
भूस्खलन न वह करवाएगा?
 
गंगा और उसकी बहनों को 
मानव ने दूषित कर डाला,
"शिव का पूजक" कहलाने का 
झूठा भ्रम हमने है पाला!
 
है "पशुपति" यह भोले बाबा 
इसका भी हमको ध्यान नहीं,
जंगल हमने इतने काटे, 
पशुओं के लिए कोई स्थान नहीं।
 
हो गई वायु इतनी धूमिल, 
चंदा का दर्शन दुर्लभ है,
द्वितिया का चंद्र दिखे कैसे,
पूनम का इंदु भी ओझल है।
 
गायें नंदी की माता हैं, 
उनको सड़कों पर छोड़ दिया,
कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक थैली 
खाने को उनको विवश किया।
 
काँवर लेकर चलने से, सावन–भर 
भूखे रहने से क्या शिव प्रसन्न हो जाएँगे?
अपने अति प्रिय इन मित्रों का 
अपमान सहन कर पाएँगे?
 
यदि होश नहीं आया अब भी, 
निश्चय विनाश हो जाएगा, 
विष बन जाएगी प्राण-वायु, 
पर्वत पाहन बरसायेगा। 
 
शिव आशुतोष, अवढर दानी, 
"प्रलयंकर" भी कहलाता है,
सृष्टि का होता सर्वनाश.,
जब तांडव. वह दिखलाता है। 
 
हे भक्तजनो! हे शिव भक्तो!!
है अभी समय अब से चेतो,
शिव की अब भक्ति करो ऐसी, 
जो उसका क्रोध नियंत्रित हो।
 
नदियों को करो पुनः निर्मल,
वन को हरियाली से भर दो,  
पर्वत की पीड़ा को समझो, 
मत नित उस पर आघात करो।
 
जब धरती शुची, सुंदर होगी, 
"शिव" का प्रसाद हम पाएँगे;
आनेवाली  निज संतति को, 
एक नई धरा दे जाएँगे।

1 टिप्पणियाँ

  • 27 Aug, 2021 02:17 PM

    जै शिव शंकर, सुन्दर संदेश

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