अक्षय, अक्षत, विनीत जब
नई कक्षा में आये।
नव सत्र के पहले दिन
गदगद हो मुस्काये॥

 

सब ने संकल्प लिया
नियमित खूब पढ़ेंगे।
सबको दोस्त बना के
कभी नहीं झगड़ेंगे॥

 

गृह कार्य मिलेगा
पूरा उसे करेंगे।
सिखलायेंगे जो भी
उसको याद रखेंगे॥

 

बात बड़ों की मानें
उनका मान रखेंगे।
मात, पिता, गर्व करें
ऐसा कार्य करेंगे॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
लघुकथा
गीत-नवगीत
बाल साहित्य कविता
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
किशोर साहित्य कविता
कविता - हाइकु
किशोर साहित्य आलेख
बाल साहित्य आलेख
काम की बात
किशोर साहित्य लघुकथा
हास्य-व्यंग्य कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में