संघर्ष का

01-06-2020

संघर्ष का

ज्योत्स्ना मिश्रा 'सना' (अंक: 157, जून प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

है समय ये नए संघर्ष का
भारत के नव उत्कर्ष का।


डर का माहौल है हर ओर 
मन नहीं बहलाती कोई भोर
छाया है बस मौत का रौद्र शोर
कैसा आगमन है इस वर्ष का 


है समय ये नए संघर्ष का
भारत के नव उत्कर्ष का...

 

यह प्रकृति है आज प्रकंपित 
मन अपना भी है  विचलित 
किस भूल पर हुए हैं शापित
वक़्त आया है इस विमर्श का


है समय ये नए संघर्ष का
भारत के नव उत्कर्ष का...


रहकर घरों में रखें स्वयं को शुद्ध 
कर रहे हैं जो इस महामारी से युद्ध 
उन योद्धाओं के पथ ना करो अवरुद्ध 
करें सम्मान दिल से इनके संघर्ष का


है समय ये नए संघर्ष का
भारत के नव उत्कर्ष का...


कहीं श्रमिकों का करुण क्रंदन 
सूने हैं कहीं विद्यालय के प्रांगण 
आशा की कली खिलेगी हर आँगन 
करें स्वागत 'सना' इस हर्ष का


है समय ये नए संघर्ष का
भारत के नव उत्कर्ष का...

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें