संदीप कुमार तिवारी - मुक्तक - 002

15-08-2021

संदीप कुमार तिवारी - मुक्तक - 002

संदीप कुमार तिवारी 'बेघर’ (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

भूलता   नहीं   पर   भूल   जाना   था।
जो न हो  सकें  वो  कर  दिखाना  था। 
हो   सका  न   उनके  नैन  से ओझल,
जिन'के' दिल 'से' हमको दूर जाना था।

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