समझाइश

नरेंद्र श्रीवास्तव (अंक: 166, अक्टूबर प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

रोली ने कविताएँ लिख के,
ख़ुशी में मम्मी को सुनाईं।
कविताओं को पढ़ के मम्मी,
ख़ुश हो फूली नहीं समायीं।
 
बेटी कविताएँ अच्छी हैं,
पर, ये बात समझ ना आए।
हिंदी की कविताओं में क्यों,
अंग्रेज़ी के शब्द मिलाए?
 
बोली रोली, कविताओं में,
शामिल बोलचाल की भाषा।
इसमें ग़लत नहीं है कुछ भी,
करती मन को नहीं निराशा।
 
मम्मी ने समझाया बिटिया,
बोलचाल में ध्यान लगाएँ।
जिस भाषा में बोलचाल हो,
उसमें दूजे नहीं मिलाएँ।

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