तू रीत की आँखों में बनकर बरसात रहेगा

15-06-2021

तू रीत की आँखों में बनकर बरसात रहेगा

रीता तिवारी 'रीत' (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

तेरे साथ चली थी जब संग में, 
रंग गई थी तेरे ही रंग में।
वह सफ़र सुहाना मीत हमेशा याद रहेगा।
मेरी दिल की हर धड़कन में तू आबाद रहेगा।
 
नाज़ुक सी डोर बँधी दिल की,
बस गए थे तुम इन आँखों में।
ना होश मुझे दिन का साथी,
मैं डूब गई तेरी बातों में।
 
ना भूल सकूँगी यादों को,  वह याद रहेगा।
मेरे दिल की हर धड़कन में तू आबाद रहेगा।
  
अकुलाई सकुचाई  सी मैं,
राह निहारूँ ओ साथी!
तुझे याद में करती हूँ पल-पल, 
तुझे भूल ना पाऊँ ओ साथी!
 
तू "रीत" की आँखों में बनकर बरसात रहेगा।
मेरे दिल की हर धड़कन में तू आबाद रहेगा।

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