जन्म दिया माँ ने
बेटी-बेटे दोनों को 
सिखाये संस्कार
रीति-रिवाज़
और सिखाई परम्पराएँ
मान-मर्यादा
बस बेटी को 
क्योंकि माँ की माँ
ने कहा था
कि वो तो बेटा है
कुछ भी करे
उसे दुनिया कुछ 
न कहेगी
बेटी का चरित्र 
सफ़ेद चादर सा
होता है 
जिसमें पानी के
छींटों से भी दाग़ 
लग जाते हैं
ग़लती की माँ ने
संस्कार बराबर देने होंगे
ये रिवाज़ बदलने होंगे

1 टिप्पणियाँ

  • 15 Oct, 2019 08:12 AM

    शुक्रिया सर ❣️

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