रिश्ते 

15-03-2021

रिश्ते 

रीता तिवारी 'रीत' (अंक: 177, मार्च द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

कोमल पल्लव सी अँगड़ाई ली थी पहली बार,
माँ ने मुझको प्यार से थामा, दिया पिता ने प्यार
 
ममता के आँचल में पल कर जीवन को देखा मैंने
और थामकर उँगली उनकी चलना भी सीखा मैंने 
मुझको उनसे मिला प्यार का सुंदर सा उपहार,
माँ ने मुझको प्यार से थामा, दिया पिता ने प्यार 
 
मेरे सपनों की ख़ातिर अपने सपनों का त्याग किया 
स्वयं सही तकलीफ़ें पर मेरे सपनों से प्यार किया 
जीवन की हर आँधी पर कर लिया स्वयं अधिकार,
माँ ने मुझको प्यार से थामा, दिया पिता ने प्यार
 
मेरे दिल की हर धड़कन में उनकी धड़कन बसती है 
अगर चोट लगती है मुझको, दर्द से आँख भरती है
"रीत" को भाता है उनका ममता से भरा दुलार,
माँ ने मुझको प्यार से थामा, दिया पिता ने प्यार 

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