रिमझिम, रिमझिम

13-11-2008

रिमझिम, रिमझिम

प्रभाकर पाण्डेय

रिमझिम, रिमझिम,
झम-झम, झम-झम,
देखो बरस रहा है पानी,
भीग रहे हैं पेड़ व पौधे,
भीग रहा नदी का पानी,
भीग रहे हैं खेत-खलिहान,
भीग रहे मेरे नाना-नानी।
चलो कागज की नाव बनाएँ,
वर्षा-जल में इसे तैराएँ,
बारिश का आनन्द उठाएँ,
बचपन अपना सफल बनाएँ।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें