रंग राहु

15-08-2021

रंग राहु

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मैं राहु हूँ
सबको राह दिखाता हूँ।
सबको राह पर
लेकर भी आता हूँ।
मैं मस्त, अलबेला, अनभिज्ञ हूँ
शनिदेव का मैं संगी हूँ
अन्याय का तभी भंगी हूँ।
शनि के साथ मिल
न्याय चक्कर चलाता हूँ।
साढ़ेसाती में
देख दुष्ट पापियों को
हँसता मुस्कुराता हूँ।
मैं राहु हूँ
जीवन में नए-नए रंग
लेकर आता हूँ
तभी तो  हूँ
रंग राहु हूँ।

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