राजेश 'ललित' – 002

15-08-2021

राजेश 'ललित' – 002

राजेश ’ललित’ (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

सावन पर रची दो क्षणिकायें
1.
ठुमक ठुमक
कर नाची बूँदें
छन छम करके
छमकी बिछिया
मिटी तपन
चली पुरवईया
भर गई नदिया
2.
अपलक निहारे
आसमान को
तरस गये हैं नैन
आ जाओ, अब तो
बहुत हुई प्रतीक्षा
मन हो गया बेचैन

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