क़ाफ़िला
जैनन प्रसादसाँसों में अब भी तेरा नाम है
इसे सुन कर देखो।
पुरानी यादों की किताब
नज़र पर रख कर देखो।
पता चल जायेगा
समुन्दर को भी मेरा वजूद।
मैं दरिया हूँ मेरे साथ
सफ़र में रह कर देखो।
बस्तियाँ उजड़ गई हैं
घोंसले बनाने में।
मेरे अरमानों के खण्डहर में
एक पल ठहर कर देखो।
अभी तो धूप ने
करवट भी नहीं बदली है ।
चंद साँसे ही सही,
बेख़बर रह कर देखो।