प्लम ब्लॉसम की बारिश

15-04-2021

प्लम ब्लॉसम की बारिश

बृजेश सिंह (अंक: 179, अप्रैल द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मूल कवि: युआन तियान
अँग्रेज़ी अनुवाद: डेनिस मेर (Plum-Blossom Rain)
हिन्दी अनुवाद: बृजेश सिंह

 
प्लम ब्लॉसम की बारिश
नहीं भिंगोती झरती सुगंध को, 
रुक रुककर गिरतीं बूँदें उत्सुक 
हैं सिल्क पथ पर, लम्बे सफ़र को । 
 
पावस ने भिंगोया है क्षितिज
मेरे क़दमों में ओझल होने से पूर्व, 
दूर पहाड़ों में समा रही अनुगूँज
जैसे विराट स्पंज एक;
लोलुप हो सोख रहा
बूँद बूँद हर एक बूँद । 
 
मगन हो प्रचुर स्नान से
पेड़ों के हरे रंग पर आया निखार, 
बादलों की ओट से चमका आदित्य… . 
चिता बनने से पहले
चिंतायें करें इंतज़ार,
चंद्रमा के भी अदीप्त भाग पर 
कवक ने लिये उभार,   
गले काठ के गर्भ ने जैसे  
लिये मशरूम आकार।
 
आपके सुलभ सन्दर्भ हेतु कवि Denis Mair का अँग्रेज़ी संस्करण –
 
PLUM-BLOSSOM RAIN
 
The monsoon that falls in plum-blossom time
Does not drench the downward-seeping fragrance
Raindrops in their stuttering fall
Long for a journey on the Silk Road
The monsoon drenches the horizon
Before it disappears beneath my feet
Far off mountains that swallow up echoes
Are like a gigantic sponge
Greedily sucking in
Every single raindrop
Having reveled in this plentiful bath
Trees bring forth a deeper shade of green
The sun screened off behind clouds
Anxiously waits to show its nakedness
Even the moon’s dark side grows mold
As fallen logs conceive the shapes of mushrooms
 
— Translation by Denis Mair

1 टिप्पणियाँ

  • कुछ ही रचनाएँ पढ़ने से स्पष्ट होता है कि ब्रजेश सिंह जी प्रकृति प्रेमी और संवेदन शील रचनाकार हैं।हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर इनका समान अधिकार भी स्व सिद्ध है।अंग्रेजी से हिंदी में किये गए इनके काव्यानुवाद समकालीन संस्कृति के अनुरूप हैं,भावपरक भी।बधाई।

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