पास तुम्हें जो पाऊँ

15-10-2019

पास तुम्हें जो पाऊँ

कमला निखुर्पा

आओ न तुम
सूरज की तरह
किरण-ताज
पहनकर आज
पूरब-द्वारे
राह तकूँ तुम्हारी
आओ न तुम
रोज चाँद की तरह
होऊँ मगन
माँग- सितारे सजा
दुल्हन बनूँ
लाज से शरमाऊँ
आओ न तुम
बदरा की तरह
सावन बन
मैं रिमझिम गाऊँ
भीजे जो अंग
पुरवैया के संग
बहती जाऊँ
धक् से रह जाऊँ
पास तुम्हें जो पाऊँ।  

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