ऑक्सीजन

15-06-2021

ऑक्सीजन

गीतिका सक्सेना (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

चार वर्षीय आदि देख रहा था घर में अफ़रा-तफ़री का माहौल था। उसने मासूमियत से अपनी माँ से पूछा, "माँ, ये ऑक्सीजन क्या होती है?"

माँ समझ रही थी वो ये क्यों पूछ रहा है। उसके दादा जी को कोरोना हुआ है और ऑक्सीजन की ज़रूरत है जो मिल नहीं रही। उसके सवाल सुनकर अंजू सोचने लगी, "वर्षों से हम साँस लेते हैं लेकिन कभी नहीं सोचा एक दिन साँस लेने के लिए ऑक्सीजन ही नहीं मिलेगी।"

इतने में छोटा आदि फिर बोला, "बताओ ना माँ कैसे बनती है ऑक्सीजन?" 

अंजू ने उसे समझाया, "बेटा ऑक्सीजन एक गैस है और साँस लेने के लिए उसकी ज़रूरत पड़ती है। जब पेड़ साँस लेते हैं ना तब ऑक्सीजन छोड़ते हैं वो ही हमें मिलती है, इसलिए पेड़ लगाने चाहिएँ।"

इतने में पापा आ गए और सर पकड़ कर बैठ गए कि कहीं ऑक्सीजन नहीं मिली। कुछ देर बाद दादा जी के प्राण-पखेरू उड़ गए। 

आदि अपने पापा को पकड़कर बोला, "पापा आपने पेड़ नहीं लगाए ना इसलिए दादा जी साँस नहीं ले रहे; मैं आपके लिए बहुत सारे पेड़ लगाऊँगा फिर आप हमेशा साँस लेते रहोगे।"

आदि की मासूमियत भरी बात सुनकर उसके पिता की आँखों से झर-झर आँसू बह निकले और वो अपने पिता की अंत्येष्टि की तैयारी करने लगे।

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