ओहदों का फ़र्क़

01-03-2021

ओहदों का फ़र्क़

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 176, मार्च प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति और सेनाओं के कमांडर इन चीफ जार्ज वाशिंगटन घोड़े पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। उन दिनों वहाँ तूफ़ान की वज़ह से सड़कों पर जगह-जगह पेड़ गिरे हुए थे। एक जगह उन्हें सड़क पर गिरे एक पेड़ के भारी तने को हटाने की कोशिश कर रहे सैनिक दिखे।

राष्ट्रपति ने देखा कि अथक प्रयासों के बावजूद वे उस तने को नहीं हटा पा रहे थे। वहाँ खड़ा अफ़सर सिर्फ़ आदेश दे रहा था। जब राष्ट्रपति ने अफ़सर से पूछा कि वह उन सैनिकों की मदद क्यों नहीं कर रहा है? तो वह बोला, "मैं अफ़सर हूँ और मेरा काम हुक्म देना है।" दरअसल, उसे मालूम नहीं था कि सवाल पूछने वाला कौन है?

ख़ैर, राष्ट्रपति उन सैनिकों के साथ उस तने को धकियाने में जुट गए। उनकी मदद से सैनिकों को तने को हटाने में कामयाबी मिल गई। अपने घोड़े पर सवार होते हुए राष्ट्रपति उस अफ़सर से बोले– आगे जब कभी तुम्हें एक और सैनिक की ज़रूरत हो, तुम अपने इस राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ़ को बुला सकते हो। 

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